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135 से अधिक देश, एक साथ योग, मोदी के नेतृत्व में बना विश्व रिकॉर्ड

बुधवार को नौवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में योग दिवस कार्यक्रम अभूतपूर्व था। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी के नेतृत्व में 77वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष साबा कोरोसी, न्यूयॉर्क शहर के मेयर एरिक एडम्स के अलावा कई गणमान्य लोगों ने हिस्सा लिया।

न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के प्रांगण में समूह के साथ योग करते पीएम योगी। All Photo: Twitter @MEAIndia

भारत की प्राचीनतम योग विद्या ने एक बार फिर से विश्व परिदृश्य में अपनी मजबूत पहचान बनाई है। आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के लॉन में अनेक देशों के प्रतिनिधियों के साथ योग किया और विश्व को संदेश दिया कि भारत का योग योग कॉपीराइट, पेटेंट और रॉयल्टी से फ्री है। योग आपकी आयु, लिंग और फिटनेस स्तर के अनुकूल है और यह पोर्टेबल भी है। विशेष बात यह है कि इस अवसर पर एक विश्व रिकॉर्ड भी बन गया है। यह जानकारी गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने आधिकारिक तौर पर दी है।

योग के इस आयोजन ने एक विश्व रिकॉर्ड भी बना दिया है। 

बुधवार को नौवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में योग दिवस कार्यक्रम अभूतपूर्व था। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी के नेतृत्व में 77वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष साबा कोरोसी, न्यूयॉर्क शहर के मेयर एरिक एडम्स के अलावा कई गणमान्य लोगों ने हिस्सा लिया। इस आयोजन में भारत के प्रधानमंत्री का इतना अधिक क्रेज था कि अनेकों राजनयिकों, अधिकारियों, शिक्षाविदों, स्वास्थ्य पेशेवरों, टेक्नोक्रेट्स, उद्योग जगत के नेताओं, मीडिया हस्तियों, कलाकारों, आध्यात्मिक नेताओं और योग चिकित्सकों सहित अनेक गणमान्य लोगों ने शिरकत की। इस समारोह में 140 से अधिक देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए और उन्होंने पीएम मोदी के नेतृत्व में योग कर विश्व रेकॉर्ड स्थापित किया।

योग कार्यक्रम का एक विहंगम दृश्य।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी अपने चिर-परिचित अंदाज में गणमान्य लोगों से मुखातिब हुए और योग, भारत व अन्य बातों का जिक्र कर सबका मन मोह लिया। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष पूरी दुनिया 2023 को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में मनाने के भारत के प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए एक साथ आई थी। इस बार फिर से पूरी दुनिया को योग के लिए एक साथ आते देखना अद्भुत है। उन्होंने कहा कि योग का नाता भारत से है। यह वहीं से आया, लेकिन इस पर किसी का कॉपीराइट नहीं है। यह रॉयलटी आदि से फ्री है। योग को किसी भी उम्र के लोग कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि योग को कहीं भी किया जा सकता है। आप योग को घर पर, काम के दौरान भी किया जा सकता है। योग के लिए आपको किसी समूह की जरूरत नहीं है, आप इसे अकेले भी कर सकते हैं।

अनेक देशों के प्रतिनिधियों ने इस आयोजन में शिरकत की। 

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि योग का मतलब है- यूनाइट करना यानी साथ लाना। मुझे याद है मैंने यहां 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव रखा था। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने भद्रासन, ऊष्ट्रासन, उत्तान शिशुनासन, भुजंग आसन, पवन मुक्त आसन और शव आसन किए। इस समारोह में योग क्रिया को लेकर विश्व रेकॉर्ड भी बन गया है। यूएन मुख्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम में 135 से अधिक देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इसके बाद गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के अधिकारी माइकल एम्परिक ने बताया कि ये एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है। इससे पहले कभी एक साथ इतने देशों के प्रतिनिधियों ने योग नहीं किया था।

मंच पर कौन थी योग की टीचर

बात 1999 की है। एनेलिस रिचमंड एक 23 वर्षीय पेशेवर बैलेरीना थीं। आठ साल से इस पेशे में थीं और वह सब कुछ झेल रही थीं जैसे कि शारीरिक चोटें, मंच पर डर और चिंता के दौरे इत्यादि। योग ने उन्हें इन सब से उबारा। उन्होंने मंच से योग सेशन का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के लिए योग सत्र का नेतृत्व करना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है। रिचमंड अब हार्वर्ड, स्टैनफोर्ड और कोलंबिया सहित पूरे अमेरिका के 108 से अधिक विश्वविद्यालयों में योग सिखाती हैं। यूएन में आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने रिवरफ्रंट से सटे संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहरी क्षेत्र में लगभग 25 मिनट तक योग सत्र का नेतृत्व किया। उनके साथ छह अमेरिकी बच्चों के एक समूह भी था। ये बच्चे 8-12 वर्ष की आयु-समूह के थे।

न्यूयॉर्क स्थित अपने योग केंद्र में एनेलिस रिचमंड Image : twitter@DD News live

27 सितंबर 2014 को रखा गया था प्रस्ताव

उल्लेखनीय है कि 27 सितंबर 2014 को प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार यूनाइटेड नेशन्स में हर साल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग दिवस मनाए जाने का प्रस्ताव रखा था। 11 दिसंबर 2014 को यूनाइटेड नेशन में भारतीय राजदूत अशोक मुखर्जी ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव पेश किया था। इस प्रस्ताव को पहले से ही यूनाइटेड नेशन के करीब 177 देशों का समर्थन मिला हुआ था। पाकिस्तान ने भारत के इस प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया था। उसके न चाहने के बावजूद मुस्लिम देशों के संगठन OIC के 56 देशों में से 48 ने भारत का साथ दिया। इतना ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के प्रस्ताव पर चीन ने भी पाकिस्तान की बजाय भारत का साथ दिया था।

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