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आसियान सम्मेलन में बोले मोदी- इक्कीसवीं सदी एशिया की सदी है

पीएम मोदी ने यह भी कहा कि हमारी साझेदारी चौथे दशक में प्रवेश कर रही है। ऐसे में भारत आसियान समिट को को-चेयर करना मेरे लिए बहुत ही प्रसन्नता का विषय है। इस समिट के शानदार आयोजन के लिए मैं राष्ट्रपति विडोडो का मैं अभिनंदन करता हूं और उनका आभार व्यक्त करता हूं।

फोटो सौजन्य: पीआईबी

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि वैश्विक विकास में आसियान क्षेत्र की अहम भूमिका है। वसुधैव कुटुंबकम 'वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर' यही भावना भारत की जी-20 अध्यक्षता की थीम है। 21वीं सदी एशिया की सदी है। मुझे विश्वास है कि आज हमारी बातचीत से भारत और आसियान क्षेत्र के भावी भविष्य को और सुदृढ़ बनाने के लिए नए संकल्प लिए जाएंगे। पीएम ने यह विचार इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में आयोजित 10 देशों के संगठन आसियान सम्मेलन (ASEAN Summit) में व्यक्त किए। इस अवसर पर उन्होंने पीएम मोदी ने आसियान सम्मेलन के लिए आमंत्रित करने पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो का धन्यवाद किया। विशेष बात यह है कि हर बार की तरह पीएम ने विदेशी धरती पर मौजूद भारतीय प्रवासियों से भी मुलाकात की और उनकी सराहना की।

प्रधानमंत्री एक दिन के आसियान सम्मेलन में भाग लेकर वापस भारत लौट आए हैं। इस सम्मेलन में उन्होंने एशियान के महत्व और उसमें भारत की प्रतिबद्धता पर विचार व्यक्त किए और संगठन के सदस्य देशों से कहा कि भारत सभी के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 21वीं सदीं एशिया की सदी है, हम सबकी सदी है। इसके लिए आवश्यक है कि हम रूल्ड बेस्ड पोस्ट कोविड वर्ल्ड ऑर्डर का निर्माण और मानव कल्याण के लिए सबका प्रयास पर कार्य करें। उन्होंने आसियान संगठन को विकास का केंद्र बताते हुए कहा कि यह वैश्विक विकास में अहम भूमिका निभाता है। उन्होंने फ्री और ओपन हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया और कहा कि आसियान भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का केंद्रीय स्तंभ है। भारत की इंडो-पैसिफिक पहल में भी आसियान क्षेत्र का प्रमुख स्थान है। वैश्विक अनिश्चितताओं के माहौल में भी हर क्षेत्र में हमारे आपसी सहयोग में लगातार प्रगति हो रही है।

आसियान सम्मेलन में विचार व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री मोदी। 

अपने विचारों पर बल देते हुए पीएम मोदी ने यह भी कहा कि हमारी साझेदारी चौथे दशक में प्रवेश कर रही है। ऐसे में भारत आसियान समिट को को-चेयर करना मेरे लिए बहुत ही प्रसन्नता का विषय है। इस समिट के शानदार आयोजन के लिए मैं राष्ट्रपति विडोडो का मैं अभिनंदन करता हूं और उनका आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष आसियान समिट की थीम है ‘आसियान मैटर्स: एपिसेंट्रम ऑफ ग्रोथ।’ आसियान मैटर्स क्योंकि यहां सभी की आवाज सुनी जाती है और आसियान एक एपिसेंट्रम ऑफ ग्रोथ। वैश्विक विकास में आसियान की अहम भूमिका है। उन्होंने यह भी कहा कि फ्री एंड ओपन इंडो पैसिफिक की प्रगति में और ग्लोबल साउथ की आवाज को बुलंद करने में हम सबके साझे हित हैं। मुझे विश्वास है कि आज हमारी बातचीत से भारत और आसियान क्षेत्र के भावी भविष्य को और सदृढ़ बनाने के लिए नए संकल्प लिए जाएंगे।

पीएम मोदी ने आसियान सम्मेलन में आमंत्रित करने पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो का धन्यवाद किया।

पीएम मोदी का यह भी कहना था कि हमारा इतिहास और भूगोल भारत और आसियान को जोड़ते हैं। साथ ही साझा वैल्यूज, क्षेत्रीय एकता, शांति, समृद्धि, और मल्टीपोलर वर्ल्ड में साझा विश्वास भी हमें आपस में जोड़ता है। पिछले वर्ष हमने भारत-आसियान फ्रेंडशिप ईयर मनाया और आपसी संबंधों को एक कोंप्रेहेंसिव स्ट्रटेजिक पार्टनरशिप का रूप दिया। आज वैश्विक अनिश्चितताओं के माहौल में भी हर क्षेत्र में हमारे आपसी सहयोग में लगातार प्रगति हो रही है। यह हमारे संबंधो की ताकत और रेसिलिएंस का प्रमाण है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत आसियान केंद्रीयता और इंडो-पैसिफिक पर आसियान के रुख का पूर्ण समर्थन करता है। भारत की इंडो-पैसिफिक पहल में भी आसियान क्षेत्र का प्रमुख स्थान है।

जकार्ता में भारतीय प्रवासियों से मुलाकात करते हुए प्रधानमंत्री मोदी। 

भारत के प्रधानमंत्री ने वहां मौजूद भारतवंशियों से मुलाकात की। जकार्ता में भारतीय समुदाय पीएम मोदी के स्वागत के लिए वहां पहले से ही मौजूद था। महिलाएं-पुरुष तो इस स्वागत में शामिल था ही, मोदी से मिलने के लिए बच्चे भी लालायित थे। भारतवंशियों से मुलाकात के दौरान वहां एक अपनापन सा नजर आया और ऐसा लगा जैसे भारत देश ही विदेशी धरती पर उतर आया हो। बाद में भारतीय प्रवासियों ने मोदी की खूब प्रशंसा की और कहा कि उनका नेतृत्व भारत को तो आगे ले ही जा रहा है, मोदी में क्षमता है कि वह विश्व का भी नेतृत्व कर सकते हैं।

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