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जापान ने भारत को अहम साझेदार और PM मोदी को क्यों कहा प्रमुख नेता?

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 से 21 मई के बीच होने वाले जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए हिरोशिमा जा रहे हैं। जापान का कहना है कि वह अंतरराष्ट्रीय समुदगय में अधिक एकता पैदा करना चाहता हैं। इसमें भारत का रोल अहम है। जापान चाहता है कि मोदी हिरोशिमा में दुनिया के नेताओं से बात करें।

भारत के पीएम नरेंद्र मोदी शुक्रवार को जापान के लिए रवाना हुए। (फोटो : ट्विटर @ndtvfeed)

भारत में जापान के राजदूत हिरोशी एफ सुजुकी ने भारत को 'महत्वपूर्ण साझेदार' और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक प्रमुख नेता बताया है। राजदूत का कहना है कि जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा चाहते हैं कि पीएम मोदी हिरोशिमा में बैठक में जी-7 नेताओं को बताएं कि वह खाद्य सुरक्षा समेत वैश्विक चुनौतियों के संबंध में जी-20 शिखर सम्मेलन के एजेंडे में क्या रखना चाहते हैं। पीएम मोदी शुक्रवार को जापान के लिए रवाना हो गए हैँ।

गौरतबल है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 से 21 मई के बीच होने वाले जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए हिरोशिमा जा रहे हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि इस बैठक में रूस-यूक्रेन युद्ध से उत्पन्न खाद्य सुरक्षा और परमाणु अप्रसार का मुद्दा एजेंडे में छाया रह सकता है। भारत द्वारा 1974 में परमाणु परीक्षण किए जाने के बाद पीएम मोदी हिरोशिमा की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं।

भारत की स्थानीय मीडिया से बात करते हुए रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत और जापान के बीच मतभेदों के बारे में पूछे जाने पर सुजुकी ने गुरुवार को कहा कि जापान पूरी तरह से समझता है कि यूक्रेन में रूसी आक्रमण के संदर्भ में भारत कहां खड़ा है। उन्होंने कहा कि जापानी प्रधानमंत्री किशिदा का लक्ष्य दो चीजें हासिल करना है। पहला यह कड़ा संदेश देना कि रूस इस तरह आगे नहीं बढ़ सकता। अगर एक बड़ा राज्य पड़ोसी छोटे देशों पर धौंस जमाता है और उसे दंडित किए बिना छोड़ दिया जा जाता है तो इससे अन्य देश भी इसके लिए अवसर तलाशेंगे। इससे दुनिया भर में अधिक संघर्ष पैदा होने का वास्तविक जोखिम है।

उन्होंने कहा कि हालांकि भारत ने स्पष्ट रूप से रूसी आक्रमण की निंदा नहीं की है। लेकिन जापान ने राजनयिक सख्ती अपनाते हुए इसकी निंदा की है। इसके अलावा वह मॉस्को पर लगाए गए प्रतिबंधों में शामिल रहा है। पिछले साल सितंबर में जापान के राजदूत के रूप में कार्यभार संभालने वाले सुजुकी ने वैश्विक मुद्दों को संबोधित करने की आवश्यकता पर जोर दिया है।

उनका कहना है कि किशिदा अंतरराष्ट्रीय समुदाय में अधिक एकता पैदा करना चाहते हैं। इसमें भारत का रोल अहम है। पीएम मोदी ग्लोबल साउथ की आवाज के रूप में पूरी अथॉरिटी के साथ बोल सकते हैं। मोदी ने जनवरी में ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन की मेजबानी की थी। इसमें उन्होंने 100 से अधिक देशों के नेताओं से बात की।

दअरसल भारत और जापान पड़ोस में चीन की बढ़ती आक्रामकता के बारे में चिंताओं को साझा करते रहे हैं। लेकिन यूक्रेन पर रूसी आक्रमण को लेकर दोनों देशों के बीच मतभेद हैं। मतभेदों को दूर करने के उद्देश्य से जापान ग्लोबल साउथ के नेता के रूप में भारत को देखना चाहता है, न कि चीन को। उन्होंने कहा कि इसलिए हिरोशिमा के प्रधानमंत्री किशिदा चाहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी जी-7 के अन्य देशों के नेताओं और आमंत्रित देशों के प्रमुखों के साथ व्यक्तिगत रूप से बताएं कि वह सितंबर में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन के एजेंडे में क्या रखना चाहते हैं, क्योंकि जी-20 दुनिया का प्रमुख आर्थिक मंच है।

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