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सुपरफूड मिलेट्स- पोषण और ताकत का खजाना है मोटा अनाज

पोषण सुरक्षा की खातिर भारत सरकार मिलेट्स की खेती को बढ़ावा देने के लिए मिशन मोड पर काम कर रही है। भारत की पहल पर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2023 को 'अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष' के रूप में घोषित किया है। कृषि विशेषज्ञ प्रोफेसर राजीव वार्ष्णेय का लेख-

मनुष्यों के लिए ज्ञात सबसे पुराने खाद्य पदार्थों में से एक है बाजरा। घरेलू उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला संभवत: पहला अनाज भी इसे माना जाता है। मिलेट्स यानी मोटे अनाज की ताकत का बखान करने के लिए अक्सर सुपर-ग्रेन, सुपर-फूड और वंडर-ग्रेन जैसे विशेषणों का इस्तेमाल किया जाता है। भारत की ओर से प्रायोजित एक संकल्प के बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2023 को अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में चिह्नित किया है। महासभा में भारत के इस प्रस्ताव का 70 से अधिक देशों ने समर्थन किया था। अंतरराष्ट्रीय बिरादरी का यह समर्थन बताता है कि वैश्विक खाद्य प्रणाली के लिए इन अनाजों का महत्व और लाभ कितना है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने इस प्रस्ताव को अपनाये जाने के दौरान कहा था कि उत्पादन क्षमता, अनुसंधान एवं विकास, निवेश और खाद्य क्षेत्र के संबंधों में सुधार के लिए उपभोक्ताओं, उत्पादकों और नीति-नियंताओं को बाजरा के पोषण और पारिस्थितिक लाभ को बढ़ावा देने की तत्काल आवश्यकता है। मूर्ति ने इस प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए सह-प्रायोजकों, विशेष रूप से बांग्लादेश, कीनिया, नेपाल, नाइजीरिया, रूस, सेनेगल और संयुक्त राष्ट्र के अन्य सभी सदस्य देशों का आभार व्यक्त किया था।

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