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सेवा की भावना रखने वाली विश्वस्तरीय शख्सियत थी महारानी एलिजाबेथ द्वितीय

महारानी एलिजाबेथ द्वितीय 1952 में ऐसे समय में सिंहासन पर आईं जब ब्रिटिश साम्राज्य घट रहा था और स्वयं द्वितीय विश्व युद्ध के कहर से उबरने की कोशिश कर रहा था। उस वक्त विंस्टन चर्चिल ब्रिटेन के प्रधानमंत्री थे। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू 1953 में महारानी के राज्याभिषेक में शामिल हुए थे।

ब्रिटेन और विश्व इतिहास की सबसे सम्मानित हस्तियों में से एक महारानी नहीं रहीं। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का स्कॉटिश हाइलैंड्स में उनके बाल्मोरल एस्टेट में शांतिपूर्वक निधन हो गया। एलिजाबे​थ यूनाइटेड किंगडम और 14 अन्य देशों की सात दशकों तक प्रमुख रही थीं।

व्यक्तिगत यादें कई और विविध होंगी लेकिन महारानी एलिजाबेथ को एक ऐसे व्यक्तित्व के रूप में भी याद किया जाएगा जिसमें परिवार के भीतर सभी दबावों के बावजूद आधुनिक युग में देश को रॉयल्टी के ग्लैमर से चिपकाए रखने की अद्भुत क्षमता थी।

महारानी ने राष्ट्रमंडल की भी अध्यक्षता की ​थी जिसमें 54 देश आते हैं। वह 1952 में ऐसे समय में सिंहासन पर आईं जब ब्रिटिश साम्राज्य घट रहा था और स्वयं द्वितीय विश्व युद्ध के कहर से उबरने की कोशिश कर रहा था। उस वक्त विंस्टन चर्चिल ब्रिटेन के प्रधानमंत्री थे।

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