भारत देश से बाहर रहे अपने नागरिकों और भारतीय मूल के लोगों को उतना ही महत्व देता है, जितना देश में रहने वालों को। ये लोग चाहे अमेरिका जैसे विकसित राष्ट्र में रह रहे हों या फिर होंडुरास जैसे किसी गरीब देश में, या वहां उनकी संख्या हजारों हो या फिर 10-20 के अंदर सिमटी हुई हो, भारत की नजर अपने हर नागरिक पर रहती है। यही वजह है कि प्रधानमंत्री हों या कोई मंत्री जब विदेश दौरे पर जाते हैं तो वहां रहने वाले प्रवासी भारतीय का हाल चाल लेना नहीं भूलते।
भारत की विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी गुरुवार से पनामा, चिली और होंडुरास के 8 दिनों के दौरे पर निकल रही हैं जब वह अपने व्यस्त कार्यक्रमों के बीच प्रवासी भारतीयों को भी संबोधित करेंगी। यह भारतीय मूल के नागरिकों के लिए भारत से जुड़ने औऱ अपनी बात रखने का सुनहरा मौका होगा।
मीनाक्षी लेखी ने ट्वीट किया, 'मैं 28 अप्रैल से 5 मई के बीच अपनी पनामा, होंडुरास और चिली दौरे की तरफ देख रही हूं। मैं यात्रा के दौरान तीनों देशों के नेताओं से मुलाकात करूंगी और प्रवासी भारतीयों से बातचीत करूंगी।'
Looking forward to my official visit to Panama, Honduras & Chile from 28 April-5 May 2022. During the visit I will meet leadership of the three countries & will interact with the Indian diaspora.
— Meenakashi Lekhi (@M_Lekhi) April 27, 2022
लेखी के इस दौरे से जहां द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती मिलेगी, वहीं यह अपने लोगों से संपर्क साधने और उनकी बातों को सुनने का भी अवसर दिलाएगा। लेखी 28 अप्रैल से 1 मई को पनामा, 1 से 3 मई तक होंडुरास और फिर 3-5 मई के बीच चिली का दौर करेंगी। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, 'विदेश राज्य मंत्री तीनों ही देशों में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करेंगे और आजादी के अमृत महोत्सव से जुड़े कार्यक्रमों में भाग लेंगी।'
अगर इन तीन देशों में भारतीय मूल के लोगों की स्थिति की बात करें तो लैटिन अमेरिकी देशों में सबसे अधिक भारतीय मूल के लोग पनामा में बसे हुए हैं। वर्तमान में उनकी आबादी करीब 15000 के आसपास है। वहीं, दक्षिण अमेरिकी देश चिली में मौजूदा समय में 3500 भारतीय रहते हैं और चिली स्थित भारतीय दूतावास के मुताबिक इनमें 2100 लोगों ने वहां की नागरिकता हासिल कर ली है। बता दें कि चिली में रहने वाले भारतीय मूल के अधिकांश लोग सिंधी समुदाय से आते हैं।