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मणिपुर के जातीय हिंसा की ब्रिटिश संसद में गूंज, पीएम सुनक से सवाल

हाउस ऑफ कॉमन्स के वेस्टमिंस्टर हॉल में धर्म एवं विश्वास की स्वतंत्रता पर बहस के दौरान ब्रिटिश सांसद जिम शैनन ने आरोप लगाते हुए कहा कि मणिपुर की घटनाओं को आदिवासी या जातीय तनाव से पैदा हुई घटना कहा जा सकता है लेकिन वहां पर ईसाइयों पर मूक हमले किए गए हैं।

ब्रिटिश सांसद जिम शैनन। फोटो साभार सोशल मीडिया

भारत के मणिपुर में जातीय हिंसा का मामला ब्रिटेन की संसद में उठा। डेमोक्रेटिक यूनियनिस्ट पार्टी के सांसद जिम शैनन ने इसे भारत में ईसाइयों पर मूक हमला करार देते हुए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से सवाल भी किए।

हाउस ऑफ कॉमन्स के वेस्टमिंस्टर हॉल में धर्म एवं विश्वास की स्वतंत्रता पर बहस के दौरान ब्रिटिश सांसद जिम शैनन ने आरोप लगाते हुए कहा कि मणिपुर की घटनाओं को आदिवासी या जातीय तनाव से पैदा हुई घटना कहा जा सकता है लेकिन वहां पर ईसाइयों पर मूक हमले किए गए हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि अल्पसंख्यक और धार्मिक समूहों से जुड़े लोगों की संपत्तियों, घरों और जीवन को नष्ट कर दिया गया। आश्चर्य की बात यह है कि इतना कुछ होने के बावजूद स्थानीय पुलिस और राज्य सरकार मौन रही।

धर्म एवं विश्वास की अंतर्राष्ट्रीय स्वतंत्रता के लिए सर्वदलीय संसदीय समूह के अध्यक्ष शैनन ने दावा किया कि इस हिंसा के पीछे हिंदू चरमपंथियों का हाथ है जबकि पीड़ितों में मुख्य रूप से ईसाई हैं। चार दिनों के दौरान लगभग 230 चर्च नष्ट कर दिये गये। 60,000 लोग विस्थापित हो गए।

शैनन ने इंडो-पैसिफिक मामलों की मंत्री ऐनी-मैरी ट्रेवेलियन से बार-बार पूछा कि प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने अपनी हालिया भारत यात्रा के दौरान क्या इस मणिपुर हिंसा का मुद्दा उठाया था या नहीं। शैनन ने कहा कि अगर हमारे प्रधानमंत्री भारत में होने के बावजूद ये सवाल नहीं पूछते तो गलत है।

ट्रेवेलियन ने कहा कि उन्हें सुनक की भारत में हुई बातचीत की जानकारी नहीं है लेकिन वह जहां हमें उचित लगता है, हम हमेशा मुद्दों को उठाते हैं। भारत किसी अन्य देश से अलग नहीं है। उन्होंने कहा कि इस बारे में मैं प्रधानमंत्री कार्यालय से जानकारी हासिल करके बताऊंगी।

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