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भारत-पाक बंटवारे में खोए थे 22 रिश्तेदार, 75 साल बाद पाकिस्तान में मिला भतीजा

सरवन सिंह को अपने भतीजे मोहन सिंह से मिलवाने में दोनों देशों के दो यूट्यूबर्स ने मेहनत की है। पंजाब के जंडियाला के हरजीत सिंह (जो YouTube पर विभाजन की कहानियों का दस्तावेजीकरण कर रहे हैं) ने लगभग आठ महीने पहले मोहन की तलाश शुरू की थी।

विभाजन के नरसंहार में अपने घर के 22 सदस्यों को खोने वाले पंजाब के 92 वर्षीय सरवन सिंह ने 23वें सदस्य को खोजने में कभी उम्मीद नहीं छोड़ी। शायद यही वजह है कि वह आज गुरुद्वारा करतारपुर साहिब में 75 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद अपने भतीजे के साथ मिल पाए। भतीजा जो उस वक्त छह वर्ष का था उसका नाम मोहन सिंह से अब अब्दुल खालिक हो चुका है।

सरवन सिंह अपने बेटे के साथ कनाडा में जाकर बस गए थे लेकिन महामारी के बाद से पंजाब में रह रहे हैं। सरवन सिंह को अपने भतीजे मोहन सिंह से मिलवाने में दोनों देशों के दो यूट्यूबर्स ने मेहनत की है। पंजाब के जंडियाला के हरजीत सिंह (जो YouTube पर विभाजन की कहानियों का दस्तावेजीकरण कर रहे हैं) ने लगभग आठ महीने पहले मोहन की तलाश शुरू की थी। हर​जीत सिंह ने मोहन के चाचा सरवन सिंह का इंटरव्यू लेने के बाद यह जिम्मेदार अपने हाथों में ले ली थी।

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