भारत में नवाबी ठाट का अपना अलग अंदाज रहा है। वह न सिर्फ खान-पान और रहन-सहन तक सीमित है बल्कि इमारतों में रची-बसी तहजीब भी हैं। उत्तर प्रदेश सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लखनऊ में पांच नए ग्रैंड हेरिटेज होटल बनाने जा रही है। आइए जानते हैं इनके बारे में।
जिन इमारतों को जल्द ही हेरिटेज होटलों का रूप दिया जाएगा, उनमें शामिल हैं- छत्तर मंजिल, कोठी गुलिस्तान-ए-इराम, रोशन-उद-दौला कोठी, कोठी दर्शन विलास और कोठी फरहत बख्श, नवाबी दौर की महलनुमा इमारतें हैं। ये पांचों धरोहर 1722 और 1856 के बीच की हैं। वह दौर याद दिलाता है कि नवाब सादात अली खान ने अवध के नवाब का पदभार संभाला था और अंग्रेजों ने नवाब वाजिद अली शाह को गिरफ्तार कर लिया था।
उत्तर प्रदेश सरकार भारत के रेगिस्तानी राज्य राजस्थान की तर्ज पर पर्यटन को बढ़ावा देने पर काम कर रही है। राजस्थान में 200 से अधिक प्राचीन भवनों को होटलों में तब्दील कर दिया गया है अब उत्तर प्रदेश के लखनऊ शहर में कई ऐतिहासिक धरोहरों को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की प्रक्रिया चल रही है।
पर्यटन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि राजस्थान केवल निजी ऐतिहासिक इमारतों को होटलों में परिवर्तित करने की अनुमति देता है लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार सरकारी-स्वामित्व वाली ऐतिहासिक संरचनाओं को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत होटलों में बदलने की योजना बना रही है। इससे पर्यटन को काफी बढ़ावा मिलेगा। देश-विदेश के पर्यटक आकर इनसे रूबरू हो पाएंगे।
पर्यटन और संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने योजना के बारे में बताया कि राज्य समिति हेरिटेज होटलों का प्रबंधन करने वाली निजी पार्टियों पर नजर रखेगी। उन्हें किसी भी तरह से भवनों के अग्रभाग को बदलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। हालांकि स्मारकों को पांच सितारा होटल के तौर पर विकसित करने के लिए उन्हें निवेश करने की आवश्यकता होगी।