उत्तरी लंदन में एक काउंसिल हाउसिंग ब्लॉक का नाम ब्रिटिश भारतीय जासूस और टीपू सुल्तान के वंशज नूर इनायत खान के नाम पर रखा गया है। भारतीय मूल की नूर का जन्म मॉस्को में 1914 में हुआ था। इनके पिता भारतीय मूल के और मां अमेरिकी मूल की थीं।
.@camdenpattweets also welcomed Emily Momoh, Founder of Camden’s Black British History Group; @shrabanibasu_ & Angela Mason CBE, Former Director of Stonewall, to unveil the new blocks named after inspirational former Camden residents: Antony Grey, Mary Prince & Noor Inayat Khan. pic.twitter.com/N2dkS7FOVr
— Camden Council (@CamdenCouncil) December 22, 2023
कैमडेन काउंसिल ने बुधवार को एक समारोह में 'नूर इनायत खान हाउस' का अनावरण किया। इस मौके पर स्थानीय लेबर पार्टी के सांसद और विपक्षी नेता कीर स्टार्मर, खान की जीवनी लेखक श्रावणी बसु और कैमडेन काउंसिल के नेता और निवासी शामिल हुए।
कैमडेन वह नगर था जहां युवा नूर अपने परिवार के साथ रहती थी। 1943 में ब्रिटेन के विशेष संचालन कार्यकारी (SOE) के लिए एक अंडरकवर रेडियो ऑपरेटर के रूप में भर्ती हुईं। नाजी के कब्जे वाले फ्रांस में गुप्त रूप से उड़ान भरने वाली पहली महिला रेडियो ऑपरेटर बनीं और वहां से तीन महीने तक कोड नाम 'मेडेलीन' के रूप में काम किया।
Such an honour and privilege to name a new housing block in #Camden today after #WWII heroine #NoorInayatKhan The residents chose her name. #SpyPrincess #SOE Thank you @CamdenCouncil Now there is a memorial, a #BluePlaque and a house named after her in the Borough. pic.twitter.com/IUT1mUM94v
— Shrabani Basu (@shrabanibasu_) December 20, 2023
कैमडेन के लोगों ने नूर इनायत खान के नाम पर आवास ब्लॉक का नाम रखने के लिए मतदान किया। 'स्पाई प्रिंसेस : द लाइफ ऑफ नूर इनायत खान' की लेखक श्रावणी बसु ने कहा, कैमडेन के लोगों ने वास्तव में नूर को दिल पर लिया है। अनावरण के मौके पर अपने भाषण में बसु ने कहा कि आज हम नूर इनायत खान को युद्ध की नायिका के रूप में याद करते हैं।
उन्होंने कहा कि भारतीय मूल की एक युवा महिला, जिसने फासीवाद के खिलाफ लड़ाई में बेहिचक अपना जीवन दे दिया। लेकिन यह सिर्फ उनकी बहादुरी और वफादारी नहीं है जिसे हम याद करते हैं। ऐसे समय में जब दुनिया में संघर्ष व्याप्त है। देश और समुदाय गोलियों और दीवारों से विभाजित हैं, उन मूल्यों को याद रखना महत्वपूर्ण है जिनके लिए नूर खड़ी थीं।
श्रावणी ने कहा कि नूर एक सूफी विचार की थीं। वह धार्मिक सहिष्णुता में विश्वास करती थीं। वह अहिंसा और राष्ट्रों के बीच शांति में विश्वास करती थीं। उन्होंने कहा कि आज हम शांति और सद्भाव के लिए उनके संदेश को दूर ले जाएं। बता दें कि द्वितीय विश्व युद्ध की इस महिला नायक को ब्रिटेन के 50-पाउंड के नोट पर देखा जा सकता है जो 2020 में जारी हुआ था।
1944 में दचाऊ यातना शिविर में सिर्फ 30 साल की आयु में नूर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मारने से पहले उन्हें प्रताड़ित किया गया था, लेकिन उन्होंने कुछ भी नहीं बताया, यहां तक कि अपना असली नाम भी नहीं बताया। जब उन्हें गोली मारी गई तो उनका आखिरी शब्द था 'लिबर्टे!' (स्वतंत्रता)। युद्ध नायिका के नाम पर नया आवास ब्लॉक लंदन में अधिक किफायती घरों को वितरित करने के लिए एक सामाजिक आवास परियोजना का हिस्सा है।