अमेरिका में रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी का 25 मई को लिंक्डइन अकाउंट कुछ घंटों के लिए लॉक कर दिया गया। रामास्वामी ने इसके लिए चुनावों में बिग टेक कंपनियों के हस्तक्षेप की शुरुआत का आरोप लगाया। हालांकि लिंक्डइन ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि ऐसा ‘Error’ की वजह से हुआ और कुछ ही घंटों बाद रामास्वामी का अकाउंट बहाल कर दिया गया।
https://twitter.com/VivekGRamaswamy/status/1661723333392474115
विवेक रामास्वामी ने गुरुवार को लिंक्डइन के ईमेल के स्कीनशॉट को ट्विटर पर पोस्ट करते हुए लिखा कि बिग टेक कंपनियों की चुनावों में हस्तक्षेप की शुरुआत हो चुकी है। दरअसल लिंक्डइन ने ईमेल में रामास्वामी को लिखकर भेजा था कि आपको अकाउंट को उपयोगकर्ता समझौते के उल्लंघन में भ्रामक और गलत जानकारी वाली सामग्री साझा करने के लिए प्रतिबंधित किया गया था।
इसके अलावा रामास्वामी ने एक वीडियो बयान भी साझा किया था। वीडियो में उन्होंने कहा कि अगर मेरे साथ ऐसा किया जा सकता है तो ऐसा किसी के साथ भी हो सकता है। ऐसी हरकतें निजी कंपनियों की नहीं होती। ये तथाकथित निजी कंपनियां सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली निजी कंपनियां हैं जो पिछले दरवाजे के माध्यम से सरकार का काम कर रही हैं। ये आपके जुबान को चुप करा रही हैं क्योंकि ऐसा सरकार खुलेआम करने की हिम्मत नहीं कर सकती।
बता दें कि लिंक्डइन ने तीन वीडियो पोस्ट का हवाला देते हुए विवेक रामास्वामी का अकाउंट प्रतिबंधित किया था। इसमें एक वीडियो फरवरी माह की थी जो चीन के संबंध में बिडेन प्रशासन की नीतियों के बारे में थी जिसे विवेक ने यह कहते हुए पोस्ट किया था कि CCP बाइडेन प्रशासन के साथ एक चीनी मैंडोलिन की तरह खेल रही है।
आपको बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ट ट्रंप के अलावा फ्लोरिडा के गर्वनर रॉन डीसांटिस के बाद विवेक हैं जिनका सोशल मीडिया अकाउंट प्रतिबंधित किया गया है। विवेक रामास्वामी एक पूर्व दवा उद्यमी हैं। उन्होंने इस साल की शुरुआत में राष्ट्रपति पद के चुनाव में प्रवेश किया था।
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