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भारत में चीतों का कुनबा बढ़ा, 7 दशक बाद देश की धरती पर पैदा हुए 4 शावक

अफ्रीका से भारत लाए गए चीतों में से एक मादा चीता सियाया ने चार शावकों को जन्म दिया है। नामीबिया से लाई गई मादा चीता साशा की मौत की दुखद खबर के बाद ये खुशखबरी आई है। भारत के पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने लिखा कि अमृतकाल के दौरान हमारे वन्यजीव संरक्षण के इतिहास में यह एक महत्वपूर्ण घटना है।

Twitter @byadavbjp

नामीबिया से भारत लाई गई मादा चीता साशा की मौत की दुखद सूचना के बाद बुधवार को राहत भरी खबर सामने आई है। भारत लाए गए चीतों में से एक मादा चीता सियाया ने चार शावकों को जन्म दिया है। भारत के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मामलों के केंद्रीय कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र यादव ने ट्विटर के जरिए यह जानकारी दी है।

भूपेंद्र यादव ने ट्विटर पर लिखा कि अमृत काल के दौरान हमारे वन्यजीव संरक्षण के इतिहास में यह एक महत्वपूर्ण घटना है। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में 17 सितंबर 2022 को भारत लाए गए चीतों में से एक के चार शावकों का जन्म हुआ है। यादव के ट्वीट में एक वीडियो भी है जिसमें आप चारों शावकों को देख सकते हैं।

जानकारी के लिए बता दें कि तीन दिन पहले मादा चीता साशा की लीवर की बीमारी के कारण मौत हो गई थी। लंबे अरसे के बाद भारत में 17 सितंबर 2022 के दिन चीता लाए गए  थे। भारत के प्रधानमंत्री ने नामीबिया से लाए गए 8 चीतों को मध्यप्रदेश राज्य के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था।

इसके बाद 18 फरवरी को 12 चीतों का दूसरा बेड़ा भारत आया। इन्हें भी कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया था। कूनाे में कुल मिलाकर 20 चीते हैं। इनमें 10 नर और 10 मादा हैं। भारत में चीता को सात दशक पहले 1952 में विलुप्त घोषित कर दिया गया था। भारत सरकार ने इन्हें फिर से बसाने की योजना तैयार की है। इसी चीता प्रोजेक्ट के तहत पहले नामीबिया और अब दक्षिण अफ्रीका से चीते लाए गए हैं।

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