बर्फ से जमी हुई झील पर कभी मैराथन दौड़ का आनंद लिया है? अगर नहीं लिया तो आपके पास मौका है। भारत में पहली बार फ्रोजन लेक मैराथन का आयोजन लद्दाख की पैगोंग त्सो झील पर किया जा रहा है। यह मैराथन 20 फरवरी को होगी। 13,862 फुट की ऊंचाई पर स्थित इस झील पर होने वाली मैराथन में देश-विदेश के खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। इस दौरान वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का भी मौका होगा।
We are inching closer to witness India's first & World's highest frozen lake #marathon on #FrozenPangongLake.
— DIPR Leh (@DIPR_Leh) February 16, 2023
It's happening on Feb 20th! #TheLastRun
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लेह के जिला विकास आयुक्त श्रीकांत बालासाहेब सुसे ने बताया कि भारत और चीन की सीमा पर फैली 700 वर्ग मीटर लंबी पैंगोंग झील में सर्दियों के दौरान तापमान माइनस 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। इस कारण झील का खारा पानी जम जाता है। अब यहीं पर मैराथन का आयोजन किया जा रहा है।
बताया गया कि 21 किलोमीटर लंबी ये मैराथन लुकुंग से शुरू होगी और मान गांव में समाप्त होगी। इसमें भारत और विदेशों के 75 चुनिंदा खिलाड़ी भाग ले रहे हैं। इनमें से 50 एथलीट लद्दाख से बाहर के हैं। चार धावक अतरराष्ट्रीय स्तर के भी हैं। इन सबके सामने दुनिया की सबसे ऊंची जमी हुई झील पर मैराथन का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का अवसर होगा।
सर्दियों के दौरान पर्यटक आमतौर पर चादर ट्रेक (जंस्कार) के लिए लद्दाख आते हैं। यहां स्नो लैपर्ड की झलक देखने के लिए भी लालायित रहते हैं। अधिकारी ने कहा कि उम्मीद है कि जमी हुई झील पर मैराथन से लद्दाख के अन्य हिस्सों में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा खासतौर से चांगथांग क्षेत्र में। सुसे ने बताया कि भारत सरकार की वाइब्रेंट विलेज योजना से चीन से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा के आसपास आवास विकसित करने में मदद मिलेगी।
अधिकारी ने बताया कि जमी हुई झील पर मैराथन के आयोजन के लिए भारतीय सेना और इंडो तिब्बत बॉर्डर फोर्स की मदद ली जा रही है। इस चुनौतीपूर्ण आयोजन के लिए सभी जरूरी इंतजाम कर लिए गए हैं। इस मैराथन के जरिए हमारा उद्देश्य सतत विकास और कार्बन न्यूट्रल लद्दाख का संदेश भी है।