Skip to content

हिंसा का जवाब कला से देने का एक और उदाहरण पेश करेंगे सलमान रश्दी

12 अगस्त, 2022 को अमेरिका में हुए जानलेवा हमले पर सलमान रुश्दी किताब लिख रहे हैं। इस किताब का नाम है 'नाइफ: मेडिटेशन आफ्टर ऐन अटेम्प्टेड मर्डर'। रुश्दी ने एक बयान में कहा कि मेरे साथ जो कुछ हुआ उस हिंसा का जवाब कला से देने का यह एक तरीका है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त लेखक और बुकर प्राइज विजेता सलमान रुश्दी। फोटो : @thebookchode

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त लेखक और बुकर प्राइज विजेता सलमान रुश्दी खिलाफ फतवा जारी होने के 30 साल बाद कट्टरपंथियों ने 12 अगस्त, 2022 को अमेरिका में जानलेवा हमला कर दिया था। मुंबई में जन्में भारतीय मूल के लेखक सलमान रुश्दी पर अमेरिका के न्यूयार्क में हमलावर हादी मतर ने गरदन, हाथ और पेट पर चाकू से वार किया था। बाद में हमलावर को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया था।

इस दर्दनाक घटना के बारे में उनकी एक किताब 'नाइफ: मेडिटेशन आफ्टर ऐन अटेम्प्टेड मर्डर' प्रकाशित होने जा रही है। अगले साल 16 अप्रैल को 15 से अधिक देशों में प्रकाशित किया जाएगा। उनके खिलाफ हुए जानलेवा हमले का इस बुक में एक मनोरंजक विवरण है, जो पेंगुइन रैंडम हाउस प्रकाशित करेगा। पेंगुइन रैंडम हाउस ने घोषणा की है कि वह 16 अप्रैल को यह किताब प्रकाशित होगी। रुश्दी ने एक बयान में कहा कि मेरे साथ जो कुछ हुआ उस हिंसा का जवाब कला से देने का यह एक तरीका है।

पेंगुइन रैंडम हाउस के सीईओ निहार मालवीय ने इसे 'एक तीखी किताब' करार दिया और कहा कि यह शब्दों की शक्ति की याद दिलाता है, जो अकल्पनीय चीजों को समझता है। हम इसे प्रकाशित करने के लिए सम्मानित महसूस कर रहे हैं। अपनी कहानी बताने के लिए सलमान के दृढ़ संकल्प और उस काम पर लौटने के लिए जिसे वह प्यार करते हैं, को लेकर हम आश्चर्यचकित हैं।

भारत के मुंबई में एक मुस्लिम परिवार में जन्मे रुश्दी ब्रिटेन में रह चुके हैं। उनके पिता भारत में एक समृद्ध व्यापारी थे। रुश्दी ने रग्बी स्कूल और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त की, जहां उन्होंने 1968 में इतिहास में एमए की डिग्री प्राप्त की। 1970 के दशक के अधिकांश समय में उन्होंने लंदन में एक विज्ञापन लेखक के रूप में काम किया।

उनका पहला उपन्यास 'ग्रिमस' 1975 में प्रकाशित हुआ था। रुश्दी का अगला उपन्यास 'मिडनाइट्स चिल्ड्रन' (1981) एक अप्रत्याशित आलोचनात्मक और लोकप्रिय सफलता थी जिसने उन्हें अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई। एक फिल्म रूपांतरण जिसके लिए उन्होंने पटकथा का मसौदा तैयार किया, 2012 में जारी किया गया था। रुश्दी को 1981 में 'मिडनाइट्स चिल्ड्रन' के लिए बुकर पुरस्कार मिला, जिसने बाद में बुकर ऑफ बुकर (1993) और बेस्ट ऑफ द बुकर (2008) जीता।

अपनी किताब 'द सेटेनिक वर्सेस' को लेकर वह काफी विवादों में रहे। उन्हें कई बार जान से मारने की धमकियां मिल चुकी हैं। उनपर ईशनिंदा का आरोप लगा था। 14 फरवरी 1989 को ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खोमैनी ने सलमान रुश्दी की मौत का फतवा जारी किया था। ईरान सरकार ने रुश्दी की हत्या के लिए 30 लाख डॉलर का इनाम भी घोषित किया था। उनकी इस किताब को तत्कालीन राजीव गांधी की कांग्रेस की सरकार ने भारत में प्रतिबंधित कर दिया था। इसके अलावा उन्हें एक दशक से अधिक समय तक के लिए देश से प्रतिबंधित कर दिया गया था।

जान से मारने की धमकी के बावजूद रुश्दी ने लिखना जारी रखा। उन्हें 2007 में नाइटहुड की उपाधि से सम्मानित किया गया था, जिसकी ईरानी सरकार और पाकिस्तान ने आलोचना की थी। वह 2016 में अमेरिकी नागरिक बन गए थे।

Comments

Latest