कनाडा के पार्लियामेंट हिल में एशियाई विरासत माह का जश्न मनाया गया। इसकी मेजबानी नेपियन से भारतवंशी सांसद चंद्रा आर्या ने की थी। पार्लियामेंट हिल के इस कार्य़क्रम में भारत सहित अन्य एशियाई देशों के कलाकारों ने सभागार में मौजूद दर्शकों को अपनी प्रस्तुति से मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में एशियाई देशों के राजदूतों और कई गणमान्य हस्तियों को न्योता दिया गया था।
9 एशियाई देशों के कलाकारों का रहा जलवा
इस रंगारंग कार्यक्रम में भारत सहित 9 देशों के प्रवासी कलाकारों ने प्रस्तुति दी। भारत, बांग्लादेश, कम्बोडिया, चीन, ईरान, पाकिस्तान, श्रीलंका, वियतनाम और ताइवान मूल के कनाडाई कलाकार जब अपने मूल देश के संगीत और नृत्य को पेश कर रहे थे तो सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज गया। भारत, चीन और कंबोडिया के प्रवासी कलाकारों ने अपने-अपने देश की पारंपरिक नृत्य शैली जैसे कि भरतनाट्यम, उइगुर नृत्य और बैले प्रस्तुत किया, जबकि पाकिस्तान, ईरान, बांग्लादेश और वियतनाम के कलाकारों ने गीत-संगीत से समा बांध दिया।

एशियाई मूल के नागरिकों के योगदान को मानने का अवसर
मेजबान सांसद चंद्रा आर्या ने आजादी के अमृत महोत्सव हैशटैग के साथ ट्वीट कर सभी राजदूतों के प्रति आभार जताया है। आर्या ने कहा कि यह कनाडा में एशियाई मूल के नागरिकों द्वारा वहां की सामाजिक-आर्थिक-राजनैतक व सांस्कृतिक विरासत में दिए जा रहे योगदान को पहचान देने और उनकी सराहना करने का अवसर है।
Was a pleasure to host Asian Heritage Month celebration on the Parliament Hill
— Chandra Arya (@AryaCanada) May 8, 2022
With about 500 people attending and performances from 10 diaspora groups, it was a great occasion to celebrate different cultures and to recognize contributions of Canadians of Asian Heritage#AHM2022 pic.twitter.com/bYqnrqoLD7
उन्होंने कार्यक्रम की तस्वीरें साझा करते हुए ट्वीट किया, 'पार्लियामेंट हिल में एशियाई विरासत माह के जश्न की मेजबानी करते हुए खुशी हो रही है। करीब 500 लोगों ने इसमें शिरकत की और 10 प्रवासी समूहों ने प्रस्तुति दी, यह विभिन्न संस्कृतियों का जश्न मनाने और एशियाई मूल के कनाडाई नागरिकों के योगदान को स्वीकृति देने का बेहतरीन अवसर था।'
गौरतलब है कि सांसद चंद्रा आर्या ने कुछ दिन पहले संसद में नवंबर को हिंदू विरासत माह घोषित करने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पेश किया था। वह वहां हिंदुओं के कनाडा के समाज को दिए गए योगदान की वकालत करते रहते हैं। इसके पहले 2018 में उन्होंने हिंदू विरासत दिन की मेजबानी की थी, जिसमें भारतीय मूल के कनाडाई हिंदुओं ने हिस्सा लिया था।