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ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तानी समर्थकों की गुंडई, भारत के कॉन्सुलेट पर लगा ताला

ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस ने कुछ ही दिन पहले भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी को देश में भारत विरोधी तत्वों पर लगाम कसने का आश्वासन दिया था। इसके बावजूद खालिस्तानी समर्थकों ने बुधवार को दूतावास को घेर लिया और कर्मचारियों का प्रवेश रोककर भारत सरकार और हिंदुओं के खिलाफ नारेबाजी की।

ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन में स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास को 15 मार्च को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा। यह कदम खालिस्तानी समर्थकों द्वारा भारत सरकार और हिंदुओं के खिलाफ नारेबाजी करते हुए दूतावास को घेरने और दूतावास के कर्मचारियों का प्रवेश रोकने के बाद उठाया गया। यह घटना ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस द्वारा भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारत विरोधी तत्वों पर लगाम कसने का आश्वासन के कुछ ही दिन बाद हुई है।

ऑस्ट्रेलिया के स्थानीय समाचारपत्र द ऑस्ट्रेलिया टुडे के अनुसार ब्रिस्बेन के टारिंगा उपनगर में स्वान रोड पर मौजूद वाणिज्य दूतावास पर खालिस्तानी समर्थक एकजुट हुए और हिंदुओं के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। समर्थकों ने खालिस्तान जिंदाबाद के नारे भी लगाए। क्वींसलैंड पुलिस ने बताया कि इस सभा के लिए पहले से कोई अनुमति नहीं ली गई थी। फिलहाल इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

इस घटना पर टिप्पणी करते हुए हिंदू ह्यूमन राइट्स की निदेशक सारा एल गेट्स ने द ऑस्ट्रेलिया टुडे को बताया कि सिख फॉर जस्टिस अपना प्रोपोगेंडा चला रहे था जिसे देखते हुए सुरक्षा की दृष्टि से भारतीय वाणिज्य दूतावास को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा। खालिस्तानी समर्थक दूतावास के बाहर खालिस्तान जिंदाबाद के नारे भी लगा रहे थे।

स्थानीय रपटों के अनुसार क्वींसलैंड निवासी परविंदर सिंह ने कहा कि इन बदमाशों की तानाशाही खत्म होनी चाहिए। इन्हें यह तय करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए कि हम ऑस्ट्रेलिया में अपना जीवन कैसे जिएं। बता दें कि परविंदर सिंह का 15 मार्च को भारतीय वाणिज्य दूतावास में अपाइंटमेंट था और इसके लिए उन्होंने काम से छुट्टी भी ली थी।

बता दें कि भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस के हालिया भारत दौरे के वक्त ऑस्ट्रेलिया में हिंदू मंदिरों पर खालिस्तानी समर्थकों और भारत विरोधी तत्वों के हमलों का मामला उठाया था और अपनी चिंताओं से अवगत कराया था।

जवाब में अल्बनीस ने भरोसा दिलाया था कि ऑस्ट्रेलिया धार्मिक स्थलों पर किसी भी हमले को बर्दाश्त नहीं करेगा। नई दिल्ली में प्रेस मीट को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि हिंदू मंदिरों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई के लिए उनके देश में कोई जगह नहीं है।

इससे पहले भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर पिछले महीने जब ऑस्ट्रेलिया की यात्रा पर गए थे, उसके कुछ ही दिनों बाद ब्रिस्बेन में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर खालिस्तानी झंडे लगे पाए गए थे। साल 2023 की शुरुआत से ही ऑस्ट्रेलिया में हिंदू मंदिरों में खालिस्तानी तत्वों के लगातार हमले हो रहे हैं। भारत विरोधी नारों और भित्तिचित्रों से दीवारों को विकृत किया गया है। इसे लेकर ऑस्ट्रेलिया में भारतीय समुदाय में भी दहशत का माहौल है।

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