भारत के केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने विदेशों में बसे भारतीय प्रवासियों के लिए वैभव फैलोशिप योजना की शुरुआत की है। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर उन्होंने कहा कि वैभव फेलोशिप का उद्देश्य विदेशी संस्थानों के जरिए भारत में उच्च शिक्षण संस्थानों के अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार करना है।
उन्होंने कहा कि वैभव फेलोशिप के लिए आवेदक का आप्रवासी भारतीय (एनआरआई), भारतीय मूल का व्यक्ति (पीआईओ) या ओवरसीज़ सिटीज़न ऑफ़ इंडिया (ओसीआई) होना चाहिए। उसके पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से पीएचडी/एमडी/एमएस की डिग्री भी जरूरी है।
इसके अलावा आवेदक को किसी विदेशी शैक्षणिक /अनुसंधान/औद्योगिक संगठन में अनुसंधान और विकास में शोधकार्य का अच्छा अनुभव होना चाहिए। उसे भारत के किसी शोध संस्थान या शैक्षणिक केंद्र में कम से कम एक से दो महीने तक काम के लिए तैयार रहना चाहिए।
मंत्री ने कहा कि वैभव फेलोशिप का उद्देश्य विदेशी संस्थानों से भारत में रोजगार परक शिक्षा में गतिशीलता लाने के लिए नए प्रोजेक्ट पर काम करना है। इस योजना से भारतीय संस्थानों और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों के बीच अकादमिक और अनुसंधान सहयोग स्थापित करने में मदद मिलेगी।
सिंह ने कहा कि मई 2014 से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सरकार का कार्यभार संभालने के बाद विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय और अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय जैसे अन्य विज्ञान संबंधी विभागों की प्राथमिकताओं और लक्ष्यों में स्पष्ट बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि भारत में प्रतिभाओं और क्षमताओं की कोई कमी नहीं थी लेकिन 2014 में राजनीतिक व्यवस्था के साथ नीतियं में बदलाव का सकारात्मक असर हुआ है।