चीन द्वारा मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन सहित अन्य क्षेत्रों पर दावा करते हुए एक नक्शा जारी किया गया है जिस पर पलटवार करते हुए भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि क्षेत्रों पर बेतुके दावे करने से वे उनके नहीं हो जाएंगे।
जयशंकर ने कहा कि चीन ने पहले भी ऐसे मानचित्र जारी किए हैं जो उन क्षेत्रों पर दावा करते हैं जो चीन के नहीं हैं और जो अन्य देशों के हैं। ये उसकी पुरानी आदत है। यह कोई नई बात नहीं है। इसकी शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी। हम बहुत स्पष्ट हैं कि हमारे क्षेत्र क्या हैं। यह सरकार इस बारे में बहुत स्पष्ट है कि हमें अपने क्षेत्रों की रक्षा के लिए क्या चाहिए। आप इसे बाहरी सीमाओं पर पहले से ही देख सकते हैं। मुझे लगता है कि इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए। बेतुके दावे करने से दूसरे लोगों का क्षेत्र आपका नहीं हो जाता।
Our response to media queries on the so called 2023 “standard map” of China:https://t.co/OZUwNRNrit pic.twitter.com/sAmy20DEa6
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) August 29, 2023
बता दें कि चीनी मीडिया ग्लोबल टाइम्स के अनुसार मानचित्र में भारतीय क्षेत्र अरुणाचल प्रदेश दिखाया गया है। इसके अलावा 1962 में युद्ध के बाद अक्साई चीन का हिस्सा भी मानचित्र में शामिल किया गया है। चीन ने यह अपने 2023 संस्करण के मानचित्र में दर्शाया है। भारतीय क्षेत्र के अलावा मानचित्र में चीन ने ताइवान को भी शामिल किया है। हालांकि द्वीप देश खुद को संप्रभु राष्ट्र के रूप में देखता है।
आपको बता दें कि चीन ने ऐसा इस साल की शुरुआत में भी किया था। उस वक्त चीन ने चीनी, तिब्बती और पिनयिन भाषा में अरुणाचल प्रदेश के कुछ क्षेत्रों के नाम जारी किए थे। इस पर भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहा है और रहेगा।
चीन के इस मानचित्र पर मीडिया के सवालों के जवाब में अब विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हमने आज तथाकथित चीनी मानचित्र पर चीनी पक्ष के साथ राजनयिक चैनलों के माध्यम से कड़ा विरोध दर्ज कराया है। हम इन दावों को खारिज करते हैं क्योंकि इनका कोई आधार नहीं है। चीनी पक्ष के ऐसे कदम केवल सीमा प्रश्न के समाधान को जटिल बनाते हैं।