मोबाइल फोन और गैजेट्स आजकल की आधुनिक जिंदगी में अपरिहार्य बन चुके हैं, लेकिन इनका अति इस्तेमाल कई तरह की समस्याएं पेश कर रहा है। इसी को देखते हुए अमेरिका में जैन समुदाय ने राष्ट्रव्यापी डिजिटल डिटॉक्स आंदोलन चलाने का ऐलान किया है।
अमेरिका में इस राष्ट्रव्यापी डिजिटल डिटॉक्स आंदोलन का उद्देश्य लोगों को डिजिटल उपकरणों के उपयोग को सीमित करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इस आंदोलन का समापन वार्षिक डिजिटल डिटॉक्स दिवस के साथ होगा।
भारतीय अमेरिकी समुदाय के नेता और एशियाई अमेरिकी मामलों पर राष्ट्रपति आयोग के सदस्य अजय जैन भूटोरिया ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि आइए लॉग इन करने के लिए लॉग आउट करें। उन्होंने बताया कि इस आंदोलन का उद्देश्य डिजिटल उपयोग को पूरी तरह खत्म करना नहीं है बल्कि लोगों को खुद अपने लिए समय निकालने और ऐसे काम करने के लिए प्रेरित करना है, जो उन्हें पसंद हैं।
भुटोरिया ने कहा कि यह आंदोलन डिजिटल जाल में उलझकर रह गई जिंदगी को फिर से जीने और स्क्रीन से परे जीवन की सुंदरता को फिर से खोजने पर आधारित है ताकि अधिक मानवीय स्पर्श, बातचीत, रिश्तों के जरिए प्रकृति से जुड़ाव बनाया जा सके।
भुटोरिया ने कहा कि यह अवधारणा 11वें जैन गुरु आचार्य महाश्रमण और मुनि जागृत की शिक्षाओं में निहित है। यह आंदोलन लोगों को डिजिटल डिवाइस के उपयोग को लेकर छोटी-छोटी शपथ के जरिए डिजिटल परिदृश्य को फिर से परिभाषित करेगा।
भुटोरिया ने कहा कि उन्होंने और जैन समुदाय के नेताओं ने इस मुद्दे को लेकर अमेरिका में कई गवर्नरों, कांग्रेस सदस्यों, मेयर और विधायकों सहित प्रमुख हस्तियों से व्यापक चर्चा की है। सभी इस बात पर सहमत हैं कि एक डिजिटल डिटॉक्स दिवस होना चाहिए। अणुव्रत डिजिटल डिटॉक्स आंदोलन इसी उद्देश्य से तैयार किया गया है।