इसरो को अपने सफल चंद्रयान -3 मिशन के लिए 2023 Leif Erikson Lunar Prize से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार आइसलैंड के हुसाविक में स्थित एक्सप्लोरेशन म्यूजियम द्वारा दिया गया है। इसरो की ओर से राजदूत बी श्याम ने पुरस्कार प्राप्त किया। लीफ एरिकसन वर्ष 2015 से एक्सप्लोरेशन म्यूजियम द्वारा दिया जाने वाला सालाना पुरस्कार है। इसका नाम लीफ एरिकसन के नाम पर रखा गया है। लीफ एरिकसन आइसलैंड के एक खोजकर्ता थे।
Congratulations @isro for the 2023 Leif Erikson Lunar Prize.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) December 20, 2023
Chandrayaan brings more laurels to the nation. https://t.co/o2DrR7VpNU
इस मौके पर आइसलैंड में स्थित भारतीय दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट किया, यह पुरस्कार चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास अंतरिक्ष यान की पहली सॉफ्ट-लैंडिंग, चंद्रमा की खोज को आगे बढ़ाने और आकाशीय रहस्यों को समझने में योगदान देने के लिए इसरो को दिया गया है। इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने इस अवसर पर वीडियो संदेश भेजकर धन्यवाद दिया।
चंद्रयान -3 चंद्रमा के लिए भारत का तीसरा मिशन था और चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट-लैंडिंग करने का दूसरा प्रयास था। इसरो ने विक्रम लैंडर को चंद्रमा की सतह पर रखने और रोबोटिक रोवर, प्रज्ञान को रोल आउट करने में कामयाबी हासिल की।
Proud moment for Bharat🇮🇳!
— Amrit Mahotsav (@AmritMahotsav) December 21, 2023
Congratulations to @isro on winning the prestigious 2023 Leif Erikson Lunar Prize for advancing lunar exploration & contributing to understanding celestial mysteries with #Chandrayaan3 Mission. INCREDIBLE!#AmritMahotsav #WhatsTrending #MainBharatHoon pic.twitter.com/40x8DcQ23z
23 अगस्त को चंद्रयान -3 की विजय एक ऐतिहासिक मील का पत्थर बन गया जब लैंडर मॉड्यूल ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक स्पर्श किया। अमेरिका, चीन और रूस के बाद भारत चंद्रमा पर सफल लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन गया है। इस मिशन से भारत ने न केवल तकनीकी कौशल का प्रदर्शन किया, बल्कि चार साल पहले चंद्रयान -2 क्रैश लैंडिंग की निराशा को भी पूरी तरह से खत्म कर दिया।
लैंडिंग के बाद विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ने चंद्रमा की सतह पर विभिन्न काम किए, जिसमें सल्फर और अन्य तत्वों की उपस्थिति का पता लगाना, तापमान दर्ज करना और चंद्र गतिविधियों की निगरानी करना शामिल है। चंद्रयान -3 की सफलता ने चंद्र अन्वेषण में भारत की स्थिति को और मजबूत किया। चंद्र विजय के बाद भारत तेजी से अपने पहले सौर मिशन, आदित्य-एल 1 के साथ आगे बढ़ा, जिसे 2 सितंबर को लॉन्च किया गया था।