Skip to content

गाजा में संघर्ष विराम के पक्ष में भारत, पर इजराइल इसलिए कर रहा विरोध

संयुक्त राष्ट्र में इजराइल के राजदूत गिलाद एर्दान ने कहा कि संघर्ष विराम का मतलब केवल हमास का अस्तित्व सुनिश्चित करना, इजराइल और यहूदियों के विनाश के लिए प्रतिबद्ध आतंकवादियों का अस्तित्व सुनिश्चित करना है।

UN ने मंगलवार को गाजा में युद्धविराम को लेकर प्रस्ताव पास किया। फोटो : @MALHACHIMI

इजरायल को हमास के खिलाफ युद्ध कोे लेकर वैश्विक स्तर पर अलग-थलग होने का सामना करना पड़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मंगलवार को भारी बहुमत से गाजा में तत्काल युद्धविराम को लेकर एक प्रस्ताव पास किया गया। भारत समेत 153 देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जबकि अमेरिका, इज़राइल और ऑस्ट्रिया सहित 10 देशों ने विरोध में मतदान किया। 23 देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया।

गाजा में गहराते मानवीय संकट के बारे में संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों की गंभीर चेतावनी के बाद 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मंगलवार को संघर्ष विराम का आह्वान करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया। कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के नेताओं ने संघर्ष विराम का आह्वान करते हुए अलग से जारी एक संयुक्त बयान में कहा कि हमास को हराने की कीमत सभी फलस्तीनी नागरिकों की निरंतर पीड़ा नहीं हो सकती।

इससे पहले अक्टूबर में भारत महासभा में उस प्रस्ताव पर अनुपस्थित रहा था जिसमें इजरायल-हमास संघर्ष में तत्काल मानवीय संघर्ष विराम और गाजा पट्टी में निर्बाध मानवीय पहुंच का आह्वान किया गया था। फिलिस्तीनी प्राधिकरण ने प्रस्ताव का स्वागत करते हुए तमाम देशों से इजरायल पर दबाव डालने का आग्रह किया। हमास के निर्वासित अधिकारी इज्जत अल-रेशिक ने एक बयान में कहा कि इजरायल को हमारे लोगों के खिलाफ अपनी आक्रामकता, नरसंहार और जातीय सफाया बंद करना चाहिए।

बता दें कि अमेरिका और इजरायल का इस मामले में हमेशा से तर्क रहा है कि संघर्ष विराम से केवल हमास को लाभ मिलेगा। मतदान से पहले संयुक्त राष्ट्र में इजराइल के राजदूत गिलाद एर्दान ने कहा कि संघर्ष विराम का मतलब केवल हमास का अस्तित्व सुनिश्चित करना, इजराइल और यहूदियों के विनाश के लिए प्रतिबद्ध आतंकवादियों का अस्तित्व सुनिश्चित करना है।

प्रस्ताव से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने कहा था कि फलस्तीनी आतंकवादी समूह हमास के खिलाफ लड़ाई में इजराइल को अब अमेरिका और यूरोपीय संघ समेत अधिकतर विश्व का समर्थन प्राप्त है। हालांकि उन्होंने वाशिंगटन में एक कार्यक्रम में कहा, लेकिन वे अंधाधुंध बमबारी से उस समर्थन को खोना शुरू कर रहे हैं। बाइडन ने यह भी कहा कि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को अपनी कट्टरपंथी सरकार को बदलने की जरूरत है और अंतत: इजरायल एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य को 'ना' नहीं कह सकता।

व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन इस सप्ताह इजराइल की यात्रा करेंगे और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन अगले सप्ताह पश्चिम एशिया का दौरा करेंगे। बाइडन ने कहा कि सुलिवान इजराइल के प्रति अमेरिका की प्रतिबद्धता के साथ-साथ गाजा में नागरिक जीवन की रक्षा करने की आवश्यकता पर जोर देंगे।

गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, हमास को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए गाजा पर इजरायल के हमले में 7 अक्टूबर से 18,205 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई है और लगभग 50,000 घायल हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र और गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, संघर्ष ने भुखमरी को भी जन्म दिया है। 85% आबादी अपने घरों से विस्थापित हैं।

Comments

Latest