Skip to content

इस्लामोफोबिया : कैलिफोर्निया में दो भारतीय मुस्लिम छात्रों पर चाकू से हमला

पीड़ित के भाई अरफात याफाई ने अभी तक अपनी मां और पिता को चाकू मारने की घटना के बारे में नहीं बताया है। अरफात को डर है कि कहीं यह सदमा उनके लिए बहुत बड़ा होगा। वह उन्हें अमेरिका के लिए विजिटर वीजा दिलाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि वे अपने बेटे को देख सकें और उसके ठीक होने में सहायता कर सकें।

अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य के फ्रेमोंट में दो भारतीय युवा छात्रों पर चाकू से हमला करने की घटना सामने आई है। भारत के तेलंगाना राज्य से आए शादान सैयद और खालिद याफाई अपने दोस्त सुफियान मोहम्मद के साथ 17 नवंबर की दोपहर को कैलिफोर्निया के व्यस्त फ्रेमोंट केंद्र में थे जब उन पर चाकू से हमला किया गया। मामला हेट क्राइम से जोड़कर देखा जा रहा है।

सैयद ने साक्षात्कार में न्यू इंडिया अब्रॉड को बताया कि अचानक कहीं से एक आदमी मेरे सामने आया। मुझे लगा कि वह मुक्का मारने वाला है लेकिन उसने मुझे चाकू मार दिया। सैयद ने रोते हुए कहा कि जब उसने मुझे चाकू मारा तो वह चुप था। उसने कुछ नहीं कहा।

सैयद ने बताया कि उसने संदिग्ध को पहले भी कम से कम तीन बार देखा था। पुलिस ने संदिग्ध की पहचान 28 वर्षीय मिगुएल एंजेल विलारियल के रूप में की है। उस शाम बाद में उसे गिरफ्तार करके सांता रीटा जेल में डाल दिया गया। अभी उस पर फस्ट डिग्री मर्डर के प्रयास के आरोप में गैर-जमानती के रूप में रखा गया है।

सैयद ने बताया कि जैसे ही उसे चाकू मारा गया, वैसे ही वह हमलावर से बचकर एक दुकान में भाग गया। सैयद ने खालिद याफाई को जमीन पर खून में लथपथ पाया। वहीं सुफियान मोहम्मद ने उनकी चीखें सुनीं तो वह भागता हुआ अपने दोस्तों के पास पहुंचा। सूफियान ने तुरंत सैयद के बहनोई जुनैद और 911 पर फोन किया था। बता दें कि जिस वक्त यह हमला हुआ उस वक्त सुफियान दुकान के अंदर था।

सैयद और याफाई को सैन जोस क्षेत्रीय मेडिकल सेंटर अस्पताल की ट्रॉमा यूनिट में ले जाया गया। सैयद के सीने पर चाकू मारा गया था। पुलिस ने उन्हें कुछ तस्वीरें दिखाई थीं जिसमें उन्होंने संदिग्ध की पहचान की थी।

मिली जानकारी के अनुसार खालिद याफाई पर हमलावर ने गर्दन और पीठ पर चाकू मारा था। दरअसल खालिद याफाई पर जिस वक्त हमलावर ने हमला किया उस वक्त वह बचने का प्रयास कर रहा था। खालिद याफाई को शुरुआत में वेंटिलेटर पर रखा गया था क्योंकि वह खुद से सांस लेने में असमर्थ था। याफाई की अभी तक 3 सर्जरी हो चुकी हैं।

खालिद याफाई के भाई अरफात याफाई ने न्यू इंडिया अब्राड को बताया कि खालिद कम से कम एक सप्ताह और अस्पताल में बिताएगा। डॉक्टरों ने बताया है कि खालिद को पूरी तरह से ठीक होने में कई महीने लगेंगे। 24 वर्षीय खालिद फिलहाल केवल हाथों का इशारा कर सकता है। उसे बोलने के लिए मना किया है।

अरफात याफाई ने अभी तक अपनी मां और पिता को चाकू मारने की घटना के बारे में नहीं बताया है। अरफात को डर है कि कहीं यह सदमा उनके लिए बहुत बड़ा होगा। वह उन्हें अमेरिका के लिए विजिटर वीजा दिलाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि वे अपने बेटे को देख सकें और उसके ठीक होने में सहायता कर सकें।

NIA की सहायता से अरफात और सामुदायिक कार्यकर्ता मतीन सैयद वीजा प्रक्रिया में तेजी लाने के प्रयास में कैलिफोर्निया के कांग्रेसी रो खन्ना के कार्यालय से जुड़े हैं जिसे हैदराबाद में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास द्वारा नियंत्रित किया जाएगा। सैयद और याफाई दोनों हाल ही में इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल करने के लिए अमेरिका आए थे।

सैयद कहते हैं कि अमेरिका अवसर की भूमि है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वह तेलंगाना में अपने छोटे शहर में घर लौटने पर विचार कर रहे थे।

अब पीड़ितों की मांग है कि फ्रेमोंट पुलिस इस मामले की जांच हेट क्राइम के रूप में करे।इस्लामोफ़ोबिया अमेरिका में प्रचलित है लेकिन इजराइल-हमास संघर्ष के बीच यह नाटकीय रूप से बढ़ गया है।

अरफात याफाई कहते हैं कि उनका भाई पूरी दाढ़ी रखता है जिससे स्पष्ट दिखाई देता है कि वह मुस्लिम है। उस दोपहर हब में बहुत सारे लोग थे लेकिन यह आदमी मेरे भाई और शादान का पीछा कर रहा था। उसने हमें और किस वजह से निशाना बनाया होगा?

अरफ़ात कहते हैं कि मेरे भाई के घाव अंततः ठीक हो जाएंगे लेकिन आघात बहुत लंबे समय तक रहेगा। यहां तक कि जब उसके टांके हटा दिए जाएंगे तब भी निशान बने रहेंगे और उसे याद दिलाएंगे कि वह किस दौर से गुजरा है।

शादान सैयद ने कहा कि हमले के बाद से वह सो नहीं पा रहे हैं। दर्द निवारक दवाओं के बावजूद वह अभी भी बहुत अधिक शारीरिक और भावनात्मक दर्द के साथ जी रहा है। छुरा घोंपने के बुरे सपने उसे परेशान कर रहे हैं।

बता दें कि फ़्रेमोंट पुलिस ने आरोपों में घृणा अपराध नहीं जोड़ा है। मामला अल्मेडा काउंटी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी कार्यालय को भेज दिया गया है जो अतिरिक्त आरोप जोड़ सकता है। आरोपी विलारियल 22 नवंबर को अदालत में अपनी पहली उपस्थिति दर्ज कराने वाला है।

फ़्रेमोंट सिटी काउंसिलमैन राज सलवान ने न्यू इंडिया अब्राड को बताया कि यह संभावना नहीं है कि विलारियल पर घृणा अपराध का आरोप लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह गंभीर रूप से मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति से जुड़ा मामला है। कैलिफ़ोर्निया और अल्मेडा काउंटी को मानसिक रूप से बीमार निवासियों के इलाज के लिए अधिक संसाधन समर्पित करने चाहिए।

Comments

Latest