भारत की राजधानी नई दिल्ली में होने जा रहे G20 शिखर सम्मेलन की पूर्वसंध्या पर पुरस्कार विजेता अंतरराष्ट्रीय गायिका मैरी मिलबेन ने वीडियो संदेश के माध्यम से में G20 शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन समेत दुनिया के तमाम नेता, सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष और प्रतिनिधियों के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के ख्यातिलब्ध लोग नई दिल्ली में एकत्र हैं।
“Let this Summit advance us many miles on the road towards securing human dignity for all people, all religions, all races, all nations.
— Mary Millben (@MaryMillben) September 6, 2023
Prime Minister Modi is right. It is time for the @_AfricanUnion to be a full member of the G20 Summit. All voices must be represented in… pic.twitter.com/Ppk2liXoxl
सम्मेलन को संबोधित करते हुए मिलबेन ने कहा कि हम भारत और अफ्रीका के बीच एक प्राचीन बंधन का जश्न मनाने के लिए एकत्र हुए हैं। यह जश्न प्राचीन व्यापार मार्गों से लेकर स्वतंत्रता के संघर्ष में एकजुटता और सदियों से जुड़े इतिहास का गवाह है। यह साझा इतिहास भारत और 54 अफ्रीकी देशों को एक अनूठे तरीके से जोड़ता है, आपसी सम्मान और भाईचारे को बढ़ावा देता है। हिंद महासागर में हमारे पूर्वजों के पदचिन्हों ने हमारे देशों के बीच मित्रता की नींव रखी। आज एक साझेदारी के तहत हम साझा समृद्धि के भविष्य की दिशा में हाथ से हाथ मिलाकर चलने की प्रतिबद्धता को दोहराते हैं।
मिलबेन ने कहा कि मैं अफ्रीकी संघ को G20 के पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल करने के भारत के प्रधानमंत्री मोदी के प्रस्ताव की सराहना करती हूं। ग्लोबल साउथ अब हमारी दुनिया को प्रभावित करने वाली नीतियों को आकार दे सकता है। लेकिन इस विशेषाधिकार के साथ कर्तव्य भी आता है। इस कर्तव्य के नाते हमे हाशिये पर पड़े लोगों की आवाज बनना है, लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखना है और मानवीय गरिमा को बढ़ावा देना है। अमेरिका और भारत के बीच स्थायी मित्रता को भी इस उद्देश्य का समर्थन करना चाहिए। एक ऐसा उद्देश्य जो यह सुनिश्चित करता है कि दुनिया की सबसे चुनौतीपूर्ण समस्याओं को हल करने में सभी आवाजों का प्रतिनिधित्व हो।
मेरी पैतृक मातृभूमि अफ्रीका एक अनछुआ महाद्वीप है जिसमें जबरदस्त आर्थिक क्षमताएं उजागर होने की प्रतीक्षा कर रही हैं। बेशक भारत इस वादे को साकार करने में अफ्रीका का दृढ़ भागीदार बनने के लिए तैयार है। भारत ही नहीं अमेरिका को भी अफ्रीका की विकास गाथा में एक बड़ा भागीदार बनना चाहिए। हम एक ऐसी न्यायपूर्ण विश्व व्यवस्था के लिए प्रयास करेंगे जहां विकासशील देशों को नवीकरणीय ऊर्जा, स्वच्छ पानी, पौष्टिक भोजन और किफायती स्वास्थ्य देखभाल तक समान पहुंच प्राप्त हो। हम साथ मिलकर 'दक्षिण से दक्षिण' सहयोग पर आधारित एक नया अध्याय लिखेंगे।
अफ्रीका में भारतीय प्रवासी और भारत में अफ्रीकी प्रवासियों ने स्थानीय संस्कृतियों को आत्मसात करते हुए मातृभूमि की विरासत को संरक्षित किया है। परंपराओं के इस परस्पर परागण ने दोनों समाजों को समृद्ध किया है। लेकिन उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक वास्तविक परिवर्तन भीतर से शुरू होता है और हमारे देश के हृदयस्थलों तक गूंजता है। अमेरिका-भारत साझेदारी हृदय स्थल के सार में निहित है। समान रूप से अमेरिका-भारत साझेदारी लोकतंत्र, स्वतंत्रता और नवाचार के साझा मूल्यों पर आधारित है। यह एक ऐसा रिश्ता है जिसमें न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए अपार संभावनाएं हैं।
मैरी मिलबेन...
अपने द्विदलीय मंच के लिए प्रशंसित मैरी मिलबेन का सबसे बड़ा योगदान यह है कि उन्होंने दुनिया भर में देशभक्ति को बढ़ावा देने और लोगों को एकजुट करने के लिए अपने संगीत का उपयोग किया है। उन्होंने लगातार चार अमेरिकी राष्ट्रपतियों जॉर्ज डब्ल्यू बुश, बराक ओबामा, डोनाल्ड ट्रम्प और जो बाइडेन के साथ ही अंतरराष्ट्रीय राजघरानों और विश्व नेताओं के लिए राष्ट्रगान और देशभक्ति संगीत प्रस्तुत किया है। मैरी को देशभक्ति, वैश्विक मुद्दों और विश्व नेताओं की सभाओं में दुनिया भर में उत्साह जगाने की अद्वितीय प्रतिभा हासिल है।