चीन ने भारत को उकसाने वाली कार्रवाई करते हुए अरुणाचल प्रदेश की 11 जगहों के नाम 'बदल' दिए हैं। भारत ने चीन द्वारा इन जगहों का नामकरण करके अपना बताने की कोशिशों को सिरे से खारिज किया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि मनगढ़ंत नाम रखने से हकीकत नहीं बदल जाएगी। अरुणाचल भारत का अभिन्न और अटूट हिस्सा रहा है और आगे भी हमेशा रहेगा।
Our response to media queries regarding the renaming of places in Arunachal Pradesh by China:https://t.co/JcMQoaTzK6 pic.twitter.com/CKBzK36H1K
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) April 4, 2023
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब चीन ने इस तरह की कोशिशें की हैं। बता दें कि चीन ने जिनके नाम बदले हैं, उनमें पर्वतों की चोटियां, नदियां और आवासीय क्षेत्र शामिल हैं। इससे पहले अप्रैल 2017 में और दिसंबर 2021 में भी चीन ने एकतरफा तरीके से अरुणाचल की जगहों के नाम बदले थे। उस समय भी भारत ने चीन के दावों को खारिज किया था।
बता दें कि चीन अरुणाचल प्रदेश को अपना इलाका बताता रहा है। वह इसे साउथ तिब्बत कहता है। चीन द्वारा नामों में परिवर्तन का अरुणाचल प्रदेश के स्थानों पर कोई सीधा प्रभाव नहीं पड़ेगा। बस चीनी मानचित्रों पर तिब्बती में इन स्थानों के नाम अब से पिनयिन यानी रोमनीकृत मंदारिन भाषा में भी उपलब्ध होंगे।
चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने रविवार को 11 स्थानों के अपने नाम जारी करते हुए कहा था कि स्टेट काउंसिल (कैबिनेट) के निर्देशों के अनुरूप हमारे मंत्रालय ने अन्य संबंधित विभागों के साथ मिलकर साउथ तिब्बत के कुछ भौगोलिक नामों का मानकीकरण किया है।
चीन सरकार के नियंत्रण वाले अखबार ग्लोबल टाइम्स ने बताया कि मंत्रालय ने जिन 11 स्थानों के 'आधिकारिक' नाम जारी किए हैं, उनमें दो भूमि क्षेत्र, दो रिहायशी इलाके, पांच पर्वत चोटियां और दो नदियां शामिल हैं। यहां तक कि सूची में अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर के करीब का एक शहर भी शामिल है।