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भारत की सख्ती, कनाडा के राजनयिकों की दूसरे देशों में तैनाती शुरू

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हमारा एकमात्र मुद्दा एक समान नीति का है। हम राजनयिकों की तैनाती में समरूपता के पक्षधर हैं। यहां पर कनाडा के राजनयिकों की संख्या अधिक है। जिसे कम करने के लिए कनाडा को कहा गया है।

संतोष

भारत ने कनाडा के साथ बिगड़े रिश्तों के बीच कनाडा को दो टूक कहा था कि उसे अपने राजनयिकों की संख्या भारत में कम करनी होगी। भारत ने उसे कथित तौर पर 41 राजनयिकों को भारत से बाहर भेजने के लिए कहा था। भारत ने इसके लिए कनाडा को 10 अक्टूबर तक का समय दिया था। भारत के इस कड़े रूख को देखते हुए कनाडा ने इस दिश में कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। यह कहा जा रहा है कि उसने अपने दो दर्जन से अधिक राजनयिकों को भारत से दूसरे देशेां में तैनात करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

सूत्रों के मुताबिक कनाडा ने अपने करीब 30 राजनयिकों को सिंगापुर और कुआलालंपुर में तैनात कर दिया है। जबकि करीब 10 अन्य राजनयिकों को भी वह अन्य देशो में तैनात करने की तैयारी में जुट गया है। कनाडा के इस कदम की सबसे बड़ी वजह यह बताई जा रही है कि उसने यह भांप लिया है कि भारत इस समय अपने कदम से पीछे हटने वाला नहीं है। उसे भारत से ऐसे कड़े रूख की उम्मीद नहीं थी। यही वजह है कि तनाव भरे माहौल के बीच कनाडा ने लगातार नरमी के रूख दिए हैं। लेकिन भारत उसके बाद भी अपने रुख से पीछे हटने को तैयार नहीं हुआ है।

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हमारा एकमात्र मुद्दा एक समान नीति का है।

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हमारा एकमात्र मुद्दा एक समान नीति का है। हम राजनयिकों की तैनाती में समरूपता के पक्षधर हैं। यहां पर कनाडा के राजनयिकों की संख्या अधिक है। जिसे कम करने के लिए कनाडा को कहा गया है। यह कहा जा रहा है कि भारत ने यह कड़ा रूख कनाडा की ओर से भारत पर उसके देश में खालिस्तानी समर्थक निज्जर की हत्या कराने के आरोप के बाद अपनाया है। भारत ने कनाडा से इस हत्या के मामले में साक्ष्य उपलब्ध कराने को भी कहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में अमेरिका में कहा था कि आरोप लगाना एक बात है। लेकिन क्या वजह है कि कनाडा ने कोई साक्ष्य नहीं दिया है। अगर उसके पास सबूत है तो उसे दुनिया के सामने सार्वजनिक करना चाहिए।

भारत ने हाल ही में दो टूक कहा था कि कनाडा को भारत में उतने ही राजनयिक रखने होंगे, जितने भारतीय राजनयिक इस समय कनाडा में है। इस मामले में समानता की जरूरत है। भारत ने कनाडा को उसके 41 राजनयिकों को कथित तौर पर त्वरित आधार पर भारत से बाहर तैनात करने के लिए कहा था। भारत का कहना है कि कनाडा ने भारत में उसकी निर्धारित संख्या से करीब तीन गुणा अधिक राजनयिकों को तैनात किया हुआ है। जबकि वह कनाडा में भारत को अपने राजनयिकों की संख्या को सीमित रखने पर विवश करता है।

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