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शिक्षा के क्षेत्र में कमाया नाम, इसलिए यूनेस्को से मिला यह विशेष सम्मान

यह भारत का पांचवां और ओडिशा का पहला संस्थान है, जिसे यह अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। इसकी नींव 1992-93 में प्रसिद्ध शिक्षाविद् डॉ. अच्युत सामंत द्वारा रखी गई थी। संस्थान 70,000 स्वदेशी बच्चों की जिंदगी बदल चुका है। इसमें से 30,000 बच्चे अब भी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।

उड़ीसा में भुवनेश्वर के कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (KISS) को उत्कृष्ट साक्षरता कार्यक्रम के लिए प्रतिष्ठित यूनेस्को किंग सेजोंग साक्षरता पुरस्कार 2022 से सम्मानित किया गया है। जारी विज्ञप्ति के अनुसार KISS को दुनिया में स्वदेशी छात्रों का सबसे बड़ा संस्थान माना जाता है।

यह भारत का पांचवां और ओडिशा का पहला संस्थान है, जिसे यह अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। इसकी नींव 1992-93 में प्रसिद्ध शिक्षाविद् डॉ. अच्युत सामंत द्वारा रखी गई थी। यह एक मुक्त आवासीय शैक्षणिक संस्थान है, जो बच्चों को समग्र शिक्षा, व्यापक कौशल और खेल सशक्तिकरण प्रदान करता है।

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