भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर इस महीने स्वीडन की यात्रा पर जाने वाले हैं। विदेश मंत्री इस यात्रा के दौरान व्यापार से लेकर सुरक्षा तक के कई मुद्दों पर अपने समकक्षों से बातचीत करेंगे। इसके अलावा वह बुसेल्स भी जाएंगे जहां वह इंडिया-EU व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद यानी Trade and Technology Council (TTC) से संबंधित मंत्रिस्तरीय बैठकों में हिस्सा लेंगे।
भारत के विदेश मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इस यात्रा में वह यूरोपीय संघ के दूसरे हिंद-प्रशांत मंत्रिस्तरीय मंच (Indo-Pacific ministerial forum) में भी भाग लेंगे। यह कार्यक्रम 13 मई को स्टॉकहोम में होने वाला है। दरअसल कई यूरोपीय संघ के सदस्य देशों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर अपने दृष्टिकोण जारी किए हैं। सभी ने दक्षिण सागर से लेकर भारत की सीमाओं पर लगे हिमायल तक चीन की आक्रामक कार्रवाइयों को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है।
इस तरह की पहली बैठक पिछले साल फ्रांस के पेरिस में हुई थी। इसकी मेजबानी फ्रांस ने की थी। यह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में यूरोप के दृष्टिकोण पर केंद्रित थी। जापान और दक्षिण कोरिया सहित 30 विदेश मंत्रियों ने पिछले साल इस बैठक में हिस्सा लिया था। हालांकि चीन मौजूद नहीं था। हिंद-प्रशांत क्षेत्र वैश्विक संपत्ति का 60 प्रतिशत है। यह दुनिया की आबादी का तीन-पांचवां हिस्सा है। इसी कारण यह वैश्विक स्तर पर गंभीर मुद्दा बना हुआ है।
बता दें कि भारत के विदेश मंत्री बुसेल्स में इंडिया-EU व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद यानी Trade and Technology Council (TTC) से संबंधित मंत्रिस्तरीय बैठकों हिस्सा लेंगे। यह बैठकें डिजिटल परिवर्तन, हरित प्रौद्योगिकियों और व्यापार पर केंद्रित होंगी। गौरतलब है कि पिछले साल यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने EU-इंडिया Trade and Technology Council शुरू करने पर सहमति व्यक्त की थी। TTC की मंत्रिस्तरीय बैठकें वर्ष में कम से कम एक बार आयोजित की जाएंगी जो यूरोपीय संघ के देशों और भारत के बीच बारी-बारी से होंगी।