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India Budget: हर हाथ पर रख दिया गया है एक बताशा

देश के बड़े-बड़े अर्थशास्त्री, इंडस्ट्रियलिस्ट और कारोबारी इस बजट भारत हितैषी बता रहे हैं। उनका कहना है कि भारी आबादी, विभिन्न समस्याओं से रूबरू होते भारत देश को ऐसे ही बजट की दरकार थी। उनका कहना है कि यह भविष्य का बजट है।

भारत की नरेंद्र मोदी सरकार ने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाने के लिए बजट पेश कर दिया है। लोकसभा में पेश किए गए इस बजट की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि विपक्षी राजनैतिक पार्टियों को छोड़कर हर वर्ग और समुदाय ने इस बजट का स्वागत किया और अपने अपने हिसाब से इसकी व्याख्या कर इसे देश को आगे बढ़ाने वाला बजट बताया है। खास बात यह है कि इस बजट में भारत के हर वर्ग को संतुष्ट करने का प्रयास किया गया है। दूसरी ओर हम यह भी कह सकते हैं कि इस तरह के लोक-लुभावन बजट को पेश करना भारत के लिए कोई नई बात नहीं है।

नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह आखिरी बजट है। वैसे तो अगले साल मई-जून में आम चुनाव हो सकते हैं लेकिन चुनाव के मद्देनजर सरकार की ओर से पूरक बजट पेश किया जाता है। इसलिए इस बजट को चुनावी बजट भी कहा जा रहा है, जिसमें हर वर्ग को खुश करने का प्रयास किया गया है। सरकार का दावा है कि इस बजट में भविष्य को ध्यान में रखते हुए ठोस वित्तीय बुनियाद रखी गई है और निवेश के लिए ठोस नीति बनाई गई है। सरकार का कहना है कि बजट में देश के कारोबार को मजबूत करने के प्रयास किए गए है, साथ ही मिडिल वर्ग, किसान और गरीबों को फोकस किया गया है। सरकार ने इनडायरेक्ट यह भी जताया है कि देश को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए बजट में मुफ्त की रेवड़ियों से परहेज किया गया है।

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