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सिंगापुर में ड्रग्स तस्करी के आरोप से भारतीय मूल का शख्स बरी, मिली थी मौत की सजा

28 अक्टूबर 2011 के नारकोटिक्स ब्यूरो ने एक कार पार्किंग से दो लोगों को ड्रग्स की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था। भारतीय मूल के पुनीथन को मई 2020 में मौत की सजा सुनाई गई थी। सिगापुर में कोविड 19 के दौरान सुनाई गई यह पहली मौत की सजा थी।

सिंगापुर में भारतीय मूल के एक मलेशियाई शख्स को मौत की सजा से मुक्ति मिल गई है। सिंगापुर की सर्वोच्च अदालत ने नशीली दवाओं की तस्करी के मामले में 2020 में सजा-ए-मौत का सामना कर रहे पुनीथन गेनासन को यह कहते हुए बरी कर दिया कि अभियोजन पक्ष अपना आरोप साबित नहीं कर पाया।

28 अक्टूबर 2011 के नारकोटिक्स ब्यूरो ने एक कार पार्किंग से दो लोगों को ड्रग्स की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था। इनमें पुनीथन गेनासन भी शामिल थे।

चैनल न्यूज एशिया की रिपोर्ट के अनुसार सिंगापुर की सर्वोच्च अदालत ने जूम पर हुई सुनवाई के बा ये फैसला सुनाया। 28 अक्टूबर 2011 के नारकोटिक्स ब्यूरो ने एक कार पार्किंग से दो लोगों को ड्रग्स की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था। इनमें पुनीथन गेनासन भी शामिल थे। हेरोइन के साथ गिरफ्तार दूसरे शख्स खालिस ने तस्करी का मास्टरमाइंड पुनीथन को बताया था।

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