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कामकाजी जीवन में ज्यादा आजादी चाहते हैं दो-तिहाई भारतीय, रिपोर्ट में दावा

एडीपी रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा 17 देशों में लगभग 33,000 श्रमिकों पर सर्वे के बाद पीपल एट वर्क 2022: ए ग्लोबल वर्कफोर्स व्यू रिपोर्ट जारी की गई है। भारत में 76.07 प्रतिशत कर्मचारी ऐसे हैं जो अपने काम के घंटों पर नियंत्रण रखने के लिए वेतन में कटौती करवाने को भी तैयार हैं।

Photo by Simon Abrams / Unsplash

भारत में अधिकतर कर्मचारी अपने कामकाजी जीवन में काम के घंटों पर थोड़ा नियंत्रण चाहते हैं। इसे हासिल करने के लिए वह थोड़ा समझौता करने को भी तैयार हैं। 17 देशों के कर्मचारियों पर किए गए एक सर्वे की हाल ही में आई रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है। इसमें दावा किया गया है कि दो-तिहाई से ज्यादा कर्मचारी फिर से फुलटाइम ऑफिस आने के बजाय नई नौकरी खोजना पसंद कर रहे हैं।

वह चाहते हैं कि उन्हें वर्क फ्रॉम होम और ऑफिस आकर काम करने के बीच विकल्प चुनने की स्वतंत्रता मिले। Photo by Daniel Joshua / Unsplash

एडीपी रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा 17 देशों में लगभग 33,000 श्रमिकों पर सर्वे के बाद पीपल एट वर्क 2022: ए ग्लोबल वर्कफोर्स व्यू रिपोर्ट जारी की गई है। इसमें दावा किया गया है कि 10 में से 7 कर्मचारी अपने वर्किंग टाइम में अधिक लचीलापन चाहते हैं। भारत में 76.07 प्रतिशत कर्मचारी ऐसे हैं जो अपने काम के घंटों पर नियंत्रण रखने के लिए वेतन में कटौती करवाने को भी तैयार हैं।

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