चैत्र (अप्रैल) महीने में मनाया जाने वाले त्योहार गणगौर की धूम कनाडा में देखने को मिली। यहां रहने वाली भारतीय मूल की महिलाओं ने एकसाथ मिलकर शिव और गौरी की पूजा की, जिसमें कनाडा में भारत की महावाणिज्य दूत अपूर्वा श्रीवास्तव ने भी हिस्सा लिया। ऐसा कहा जाता है कि पति की लंबी उम्र की कामना करते हुए महिलाएं यह पूजा करती हैं, जो विशेष रूप से राजस्थान और मध्य प्रदेश में मनाया जाता है।
गणगौर पूजा का आयोजन एमिटी फाउंडेशन ने किया था। इसमें करीब सौ भारतीय महिलाओं ने हिस्सा लिया। उन्होंने परंपरागत अंदाज में राजस्थानी लहंगा पहना हुआ था। पूजा के लिए राजस्थानी शैली में मंडप तैयार किया गया, जिसमें गण और गौर की प्रतिमा रखी गई थी। मंडप को राजस्थानी पुट देने केलिए उसे कठपुतलियों से सजाया गया था। इस पूजा के आयोजन का मकसद महिलाओं में ब्रेस कैंसर को लेकर जागरूकता पैदा करना भी था।

कनाडा स्थिति भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया, 'महावाणिज्य दूत अपूर्वा श्रीवास्तव एमिटी फाउंडेशन द्वारा आयोजित गणगौर पूजा के जश्न में शामिल हुईं। कार्यक्रम का उद्देश्य जीटीए के अस्पतालों में स्तन कैंसर से संबंधित शोध के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उसके लिए समर्थन हासिल करना था।'
CG @_apoorvasri joined @RANA and @Amity Foundation for #gangaur celebration. The event was dedicated to increase awareness and to support Breast Cancer Research at hospitals in GTA #AzadikaAmritMahotsav #breastcancerresearch #gangaur @AmritMahotsav @MEAIndia @IndianDiplomacy pic.twitter.com/LLlPSkkWi7
— IndiainToronto (@IndiainToronto) April 7, 2022
क्या है गणगौर पूजा? क्या है इससे जुड़ी मान्यताएं?
यह एक ऐसा त्योहार है जिसमें महिलाएं अपने पतियों से छुपकर व्रत रखती हैं और गण यानी शिव और गौर यानी गौरी की पूजा करती हैं। यह 16 दिनों तक चलने वाला त्योहार है जिसकी शुरुआत चैत्र के कृष्ण पक्ष के प्रथम दिन यानी दुल्हैंडी से होती है और शुक्ल पक्ष की तृतीया यानी तीसरे नवरात्र के दिन पूरी होती है। इस वर्ष गणगौर 4 अप्रैल को मनाई गई।
गणगौर राजस्थान में मारवाड़ी समाज और मध्य प्रदेश के निमाड़ी समाज की महिलाएं ही विशेषरूप से मनाती हैं। राजस्थान में यह त्योहार 16 दिनों तक चलता है जबकि मध्य प्रदेश में केवल तीन दिन ही मनाया जाता है।