कोविड के बाद जैसे ही ऑस्ट्रेलिया ने अपनी सीमाएं पूरी तरह से खोलीं तो कंगारू देश में भारतीय पर्यटकों की बहार आ गई। ऑस्ट्रेलिया में भारतीय लोगों के इतने कदम पड़े कि कोविड पूर्व के रिकॉर्ड ध्वस्त हो गए। ऑस्ट्रेलिया में इस तरह का रिकॉर्ड तोड़ने या बनाने वाला भारत पहला देश बन गया। और यह सब एक साल में हुआ।
टूरिज्म ऑस्ट्रेलिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जुलाई 2022 और जून 2023 के बीच भारत से 383,000 पर्यटकों ने ऑस्ट्रेलिया की यात्रा की। यह 2018-19 के आंकड़ों से 3% अधिक है। अधिकारी ने कहा कि इस उपलब्धि को हासिल करने में ICC T20 विश्व कप की भी बड़ी भूमिका रही।
भारत और खाड़ी देशों के लिए टूरिज्म ऑस्ट्रेलिया के कंट्री मैनेजर निशांत काशीकर ने एक साक्षात्कार में कहा कि इसके अलावा भारत ने आने वाले यात्रियों के लिए अग्रणी बाजारों में चौथा स्थान हासिल किया है जबकि पूर्व-कोविड काल में सातवें स्थान पर था। इत्तेफाक से इस समयावधि (जुलाई 2022 और जून 2023) में भारतीयों ने 11000 करोड़ रुपये खर्च किए जो पूर्व कोविड स्तर से 16% अधिक हैं।
काशीकर के मुताबिक 2019 में इनबाउंड पर्यटन के मामले में भारत ऑस्ट्रेलिया के लिए सातवां सबसे बड़ा बाजार था जबकि पिछले वर्ष यह न्यूजीलैंड, अमेरिका और यूके के बाद चौथा सबसे बड़ा बाजार बन गया। चीन ने अभी शुरुआत की है, इसलिए अगले साल इसमें बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन हमने भारत की ओर से काफी दिलचस्पी देखी है। विशेष रूप से MICE (मीटिंग, इंसन्टिव, कॉन्फ्रेंस और एग्जीबीशन) से जुड़ी यात्रा के सिलसिले में बहुत पूछताछ हुई क्योंकि ऑस्ट्रेलिया एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में उभर रहा है।
भारत से पर्यटन वृद्धि में सहायता करने वाले अन्य कारकों में भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती, साप्ताहिक सीधी उड़ानों में 3 गुना वृद्धि और वीजा मानदंडों में ढील शामिल है। ऑस्ट्रेलिया ने भारत में पर्यटकों को कागजी दस्तावेज जमा किए बिना तीन साल का बहु-प्रवेश वीजा देना शुरू कर दिया है और व्यापार वीजा की अवधि पांच वर्ष तक बढ़ा दी गई है।
जहां तक आगंतुकों की प्रोफाइल का सवाल है तो 62% मित्रों और परिजनों ने यात्रा की, 15% छुट्टी मनाने के लिए आए, 8% व्यवसायिक वजहों से यात्रा पर थे और शेष 15% में वे लोग शामिल थे जो रोजगार या अध्ययन के लिए ऑस्ट्रेलिया गए थे। काशीकर ने कहा कि इस समय ऑस्ट्रेलिया में करीब 100,000 भारतीय छात्र पढ़ रहे हैं।