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अमेरिका में अटकी भारतीय छात्रा, कैब ड्राइवर सामान लेकर फरार

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएट स्कूल ऑफ डिजाइन की छात्रा श्रेया वर्मा का दावा है कि इस सामान में उसका पासपोर्ट, वीजा भी शामिल था, जिससे वह भारत नहीं जा पा रही है। श्रेया की अपील पर लिफ्ट कंपनी के सीईओ ने भी जवाब दिया है।

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की छात्रा श्रेया वर्मा के साथ भारत आते समय ये वारदात हुई। फोटो @AbbeyNBCBoston

अमेरिका में एक भारतीय छात्रा उस समय अधर में फंस गई, जब कैब कंपनी लिफ्ट के ड्राइवर ने कथित रूप से उसे बीच रास्ते में ही उतार दिया और उसका सामान लेकर चला गया। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएट स्कूल ऑफ डिजाइन की छात्रा श्रेया वर्मा का दावा है कि इस सामान में उसका पासपोर्ट, वीजा भी शामिल था, जिससे वह भारत नहीं जा पा रही है।

श्रेया ने लिंक्डइन पर अपनी आपबीती बताते हुए कहा कि वह भारत जाने के लिए लोगान इंटरनेशनल एयरपोर्ट जा रही थी, उसी वक्त ये वारदात हुई। छात्रा का दावा है कि उसे बोस्टन रोड पर छोड़ दिया गया कैब ड्राइवर ने यात्रा बीच में ही रद्द कर दी और उसका सामान लेकर चला गया।

कैंब्रिज की रहने वाली श्रेया के अनुसार कैब ड्राइवर जो सामान लेकर चला गया, उसमें उसके पासपोर्ट वीजा के अलावा ओपीटी-ईएडी कार्ड और गैजेट्स भी शामिल थे। इससे उसे करीब 30,000 डॉलर का नुकसान तो हुआ ही, अभी तक कैब कंपनी और पुलिस अधिकारी उस ड्राइवर का पता नहीं लगा पाए हैं। श्रेया की अपील पर लिफ्ट कंपनी के सीईओ ने भी जवाब दिया है।

श्रेया ने लिंक्डइन पर लिखा कि मैं लगातार लिफ्ट कस्टमर केयर से सहायता मांग रही हूं लेकिन दुर्भाग्य से ड्राइवर की जरूरी डिटेल्स पता नहीं चल पा रही हैं। मैं लिफ्ट से अनुरोध करती हूं कि वह तुरंत ड्राइवर से संपर्क करे और मेरा सामान तत्काल वापस दिलवाए।

श्रेया ने कहा कि वह कैम्ब्रिज पुलिस विभाग और कैम्ब्रिज नगर निगम के संप्रक में हैं लेकिन ड्राइवर की आवश्यक जानकारियों का अभाव समस्या खड़ी कर रहा है। इनके बिना कानूनी प्रक्रियाएं चुनौतीपूर्ण साबित हो रही हैं।

श्रेया की लिंक्डइन पोस्ट पर जवाब देते हुए लिफ्ट के सीईओ डेविड रिशर ने कहा कि यह सब बहुत खेदजनक है। यह भयानक है। हमारी टीम इस पर काम कर रही है।

इस पर श्रेया ने लिखा कि आपसे अनुरोध है कि आप इस मामले को गौर से देखें और कैम्ब्रिज पुलिस विभाग से विवरण प्राप्त करके मेरी मदद करें ताकि मैं भारत में अपने माता-पिता के पास जा सकूं। अमेरिका में एक अंतरराष्ट्रीय एफ-1 वीजा धारक के रूप में मेरा पासपोर्ट, फोन, लैपटॉप, बैंक कार्ड और ईएडी आदि खोना बेहद दर्दनाक है।

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