भारत में आतंकी घोषित खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की अमेरिका में हत्या की कथित साजिश को लेकर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार प्रतिक्रिया दी है। मोदी ने कहा कि इस बारे में सबूतों पर वह गौर करेंगे और कुछ घटनाओं से अमेरिका-भारत के रिश्त बेपटरी नहीं हो सकते हैं।
यूके के अखबार फाइनेंशियल टाइम्स को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा कि अगर इस बारे में हमें किसी तरह की जानकारी दी जाएगी तो हम जरूर गौर करेंगे। अगर हमारे किसी नागरिक ने कुछ अच्छा या बुरा किया है तो हम उस पर विचार करने के लिए तैयार हैं। हमारी प्रतिबद्धता कानून के प्रति है।
पीएम मोदी ने इसी के साथ कहा कि भारत के बाहर अलगाववादी संगठनों की गतिविधियों को लेकर वह बेहद चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि ये संगठन अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर डराने-धमकाने और हिंसक गतिविधियों में लिप्त हैं।
पीएम मोदी का यह बयान अमेरिकी सरकार के उस आरोप के बाद आया है, जिसमें उसने न्यूयॉर्क में पन्नू पर जानलेवा हमले की कथित साजिश को नाकाम करते हुए दावा किया है कि भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता ने पन्नू की सुपारी दी थी। अमेरिका का कहना है कि जिस शख्स को हत्या के लिए 83 लाख रुपये की सुपारी दी गई थी, वो दरअसल सरकार का एजेंट था। अमेरिका का ये भी दावा है कि निखिल गुप्ता को ये निर्देश भारत सरकार के एक अधिकारी से मिले थे।
इस पूरे मामले का खुलासा 22 नवंबर को फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट से ही हुआ था। अब पीएम मोदी ने इंटरव्यू में आगे कहा कि अमेरिका के साथ हमारे रिश्ते काफी मजबूत हैं। सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग हमारी साझेदारी का एक मुख्य आधार है। इस तरह की कुछ घटनाओं को दोनों देशों के राजनयिक संबंधों से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।
बता दें कि अमेरिका की तरफ से राजनयिक आपत्ति दर्ज कराए जाने के बाद भारत सरकार ने एक समिति बनाकर पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। इस मामले को लेकर कुछ दिन पहले भारतीय मूल के पांच अमेरिकी सांसद- एमी बेरा, प्रमिला जयपाल, रो खन्ना, राजा कृष्णमूर्ति और श्री थानेदार ने कहा था कि अगर पन्नू मामले की जांच नहीं हुई तो भारत-अमेरिका के रिश्ते खतरे में पड़ सकते हैं।