दोनों देशों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रूस ने भारत के सामने एक प्रस्ताव रखा है। बीते दिन रूस के आर्थिक विकास मंत्री मक्सिम रेशेतनिकोव ने बताया कि रूस ने भारत के सामने एक प्रस्ताव के जरिए दोनों देशों के पर्यटकों को संगठित समूहों को बिना वीजा के यात्रा करने की अनुमति देने की बात कही है। यानी पर्यटकों के संगठित समूह एक-दूसरे के देश में बिना वीजा के प्रवेश कर पाएंगे।
इससे पहले रूस ने भारतीय पासपोर्ट धारकों को 1 अगस्त से ई-वीजा जारी करना शुरू कर दिया है। मालूम हो कि ई-वीजा आगंतुकों को व्यापार यात्राओं, अतिथि यात्राओं और पर्यटन जैसे विभिन्न उद्देश्यों के लिए यात्रा अनुमोदन तेजी से प्राप्त करने में मदद करता है।
रूस 24 टीवी से बात करते हुए रेशेतनिकोव ने कहा कि मॉस्को पहले ही चीन के साथ इसी तरह की योजना शुरू कर चुका है। उसके लिए भारत अब प्रमुख स्थान पर है। हमने भारत को यह प्रस्ताव भेजा है। फिलहाल इस पर राजनयिक चैनलों के माध्यम से बातचीत चल रही है। मंत्री ने यह भी कहा कि देश का पर्यटन उद्योग पर्यटकों की संख्या को महामारी से पहले के स्तर पर बहाल करने की चुनौती का सामना कर रहा है। यह यूक्रेन संघर्ष से भी प्रभावित हुआ है।
गत एक अगस्त को रूस और चीन ने पर्यटक समूहों के लिए वीजा-मुक्त यात्रा समझौते को बहाल किया है। इस मसले पर पहली बार साल 2000 में बातचीत हुई थी लेकिन 2020 में कोविड-19 महामारी के कारण इस प्रस्ताव को निलंबित कर दिया गया था। यह प्रस्ताव यात्रा करने वाले कम से कम पांच लोगों के समूह पर लागू होता है। ऐसी ही एक व्यवस्था रूस और ईरान के बीच भी हुई थी।
इसी दिन यानी 1 अगस्त को रूस ने 55 अन्य देशों को ई-वीजा जारी करना शुरू किया था। इसके लिए रूस 52 डॉलर का शुल्क लेता है। यह वीजा 60 दिनों के लिए वैध होता है। हालांकि वीजा धारक इस वीजा की मदद से 16 दिनों तक रूस में रह सकता है।