भारतीय मूल के अर्थशास्त्री थरमन शणमुगारत्नम गुरुवार को सिंगापुर के नौवें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे। एक सितंबर को हुए चुनाव में 66 वर्षीय नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने 24.8 लाख मतों में से 70.4 प्रतिशत (17,46,427 मत) हासिल किए थे।
भारतीय वंश के #TharmanShanmugaratnam बने सिंगापुर के ९ वें राष्ट्राध्यक्ष !
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) September 4, 2023
चीनी वंश के २ प्रत्याशियों (उम्मीदवारों) को पराभूत किया ।
थर्मन का जन्म २५ फरवरी १९५७ को सिंगापुर में हुआ । उनके दादाजी तमिळनाडु से सिंगापुर में स्थायी हो गए थे ।
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उनके चीनी मूल के प्रतिद्वंद्वियों एनजी कोक सोंग और टैन किन लियान को क्रमश: 15.72 प्रतिशत और 13.88 प्रतिशत मत मिले थे। मौजूदा राष्ट्रपति हलीमा याकूब का कार्यकाल 13 सितंबर को समाप्त हो गया है। निर्वाचित राष्ट्रपति का कार्यकाल छह साल का होता है।
#TharmanShanmugaratnam, an Indian-origin economist, registers a landslide victory in the presidential election in #Singapore, winning over 70% of votes.
— Samir Dattopadhye (@samirsinh189) September 3, 2023
Wishing Shanmugaratnam, Indian #PMModi said he looked forward to working closely with him to further strengthen the… pic.twitter.com/sVnBpymxtF
मंगलवार को गिने गए विदेशी मतों को शामिल करने के बाद राष्ट्रपति चुनाव 2023 के लिए डाले गए मतपत्रों की कुल संख्या 2,534,711 हो गई। इसमें खारिज किए गए वोट भी शामिल थे। यह इस चुनाव के लिए पंजीकृत 2,709,407 मतदाताओं का 93.55 प्रतिशत है। मुख्य रूप से चीनी समाज ने थरमन का समर्थन किया है जिन्होंने सार्वजनिक सेवा में अपने पूरे जीवन में सिंगापुर की सेवा की है।
निर्वाचित राष्ट्रपति होने से पहले थरमन ने 2019 और 2023 के बीच एक वरिष्ठ मंत्री के रूप में काम किया है। वर्ष 2015 और 2023 के बीच वे सामाजिक नीतियों के लिए समन्वय मंत्री थे। 2011 और 2023 के बीच सिंगापुर के मॉनेटरी अथॉरिटी के अध्यक्ष रहे। उन्होंने मई 2011 से मई 2019 तक सिंगापुर के उप प्रधानमंत्री के रूप में भी काम किया है।
थरमन विश्व आर्थिक मंच (WEF) के ट्रस्टी बोर्ड के सदस्य भी हैं। वह प्रभावी बहुपक्षवाद पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव के उच्च स्तरीय सलाहकार बोर्ड के सदस्य भी हैं, जो 2024 में भविष्य के संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन के लिए प्रभावी सिफारिशें करेगा।
सिंगापुर में 2011 के बाद यह पहला राष्ट्रपति चुनाव था। शणमुगारत्नम ने देश की संस्कृति को दुनिया में उज्ज्वल बनाए रखने के संकल्प के साथ पिछले महीने औपचारिक रूप से राष्ट्रपति पद के लिये अपना अभियान शुरू किया था।