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ब्रिटिश संसद में उठी आवाज, भोपाल गैस त्रासदी की जिम्मेदार कंपनी पर कसे शिकंजा

भोपाल गैस त्रासदी 2-3 दिसंबर 1984 को हुई थी। भारत के भोपाल में यूनियन कार्बाइड के कीटनाशक संयंत्र से मिथाइल आइसोसाइनेट गैस के रिसाव से 5,00,000 से अधिक लोग चपेट में आ गए थे। इसे दुनिया में अब तक की सबसे घातक औद्योगिक आपदाओं में से एक माना जाता है।

ब्रिटिश संसद के वेस्टमिंस्टर हॉल में हुई चर्चा के दौरान विपक्षी लेबर पार्टी के भारतीय मूल के सांसद नवेंदु मिश्रा ने भारत में हुई भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग उठाई। मिश्रा ने ब्रिटिश सरकार से इस आपदा में शामिल यूनियन कार्बाइड की मालिक कंपनी डाउ केमिकल के खिलाफ ब्रिटेन में कार्रवाई का आह्वान किया।

बता दें कि यह त्रासद घटना 2-3 दिसंबर 1984 को हुई थी। भारत के मध्य प्रदेश राज्य की राजधानी भोपाल में स्थित यूनियन कार्बाइड के कीटनाशक संयंत्र से रिसाव के बाद 5,00,000 से अधिक लोग मिथाइल आइसोसाइनेट गैस के संपर्क में आ गए थे। इसे दुनिया में अब तक की सबसे घातक औद्योगिक आपदाओं में से एक माना जाता है। अगले महीने की शुरुआत में इस त्रासदी की 38वीं बरसी है।

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