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मंगेश घोगरे को आखिर क्यों मिला अमेरिका का 'आइंस्टीन वीजा'?

घोगरे ने हाल ही में अपनी क्रॉसवर्ड रचना के लिए सुर्खियां बटोरी हैं जिसे न्यूयॉर्क टाइम्स में ब्रेंडन एम्मेट क्विगली, एक 'क्रॉसवर्ड वंडरकिंड' के साथ दिखाया गया है। यह क्रॉसवर्ड पहेली ताजमहल के बारे में थी।

मंगेश पेशे से इन्वेस्टमैंट बैंकर हैं। Image: social media

अमेरिका की नागरिकता और वीजा के लिए हर साल लाखों लोग आवेदन करते हैं। इनमें से कई लोग इसलिए निराश हो जाते हैं क्योंकि उनका वीजा स्वीकार नहीं किया जाता। एक ऐसी दौड़, जिसमें लोग अपने वीजा इंटरव्यू के लिए भारी शुल्क का भुगतान कर रहे हैं और फिर भी खारिज किये जा रहे हैं। दूसरी ओर नवी मुंबई के एक निवेश बैंकर मंगेश घोगरे को असाधारण कौशल के लिए 'आइंस्टीन वीजा' प्रदान किया गया है।

इसी पहेली ने मंगेश को ख्याति और उपलब्धि दिलाई है। Image : social media

आइंस्टीन वीजा रोजगार-आधारित आव्रजन (EB-1) वीजा का एक उपनाम है। अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा वेबसाइट के अनुसार EB-1 वीजा प्राप्त करने के लिए आवेदक को विज्ञान, कला, शिक्षा, व्यवसाय या एथलेटिक्स में असाधारण क्षमता प्रदर्शित करने में सक्षम होना चाहिए। इस क्षमता का उल्लेख राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय प्रशंसा के माध्यम से भी होना चाहिए।

जहां तक भारतीय मूल के निवेश बैंकर मंगेश घोगरे की बात है तो उन्हें वर्ग पहेली (crosswords) बनाने की उनकी विशिष्ट प्रतिभा के लिए आइंस्टीन वीजा प्राप्त हुआ है। घोगरे की क्रॉसवर्ड पहेलियां न्यूयॉर्क टाइम्स, द वाशिंगटन पोस्ट, द वॉल स्ट्रीट जर्नल सहित विश्व स्तर के कुछ सर्वश्रेष्ठ समाचार पत्रों में छपी हैं। घोगरे ने हाल ही में अपनी क्रॉसवर्ड रचना के लिए सुर्खियां बटोरी हैं, जिसे न्यूयॉर्क टाइम्स में ब्रेंडन एम्मेट क्विगली, एक 'क्रॉसवर्ड वंडरकिंड' के साथ दिखाया गया है। यह क्रॉसवर्ड पहेली ताजमहल के बारे में थी।

NYT में प्रदर्शित भारतीय थीम वाली पहेली के बारे में फोर्ब्स इंडिया के साथ बातचीत में क्विगले ने कहा कि मंगेश के मन में स्मारक का जश्न मनाने और भारत के लिए इसके क्या मायने हैं यह विचार था। एक बार हमें अहसास हुआ कि ताज महल ग्रिड में प्याज (गुंबदनुमा) के रूप में दिखाई दे सकता है। बस इसके बाद काम बनता चला गया।

किसी भारतीय के लिए NYT क्रॉसवर्ड कॉलम में शामिल होना दुर्लभ है। इस लिहाज से यह एक अनोखी उपलब्धि है लेकिन गर्व की बात है कि महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के घोगरे पहले भी ऐसा कर चुके हैं।

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