भारत और फ्रांस के बीच 26 राफेल मरीन लड़ाकू विमानों का सौदा एक कदम आगे बढ़ गया है। फ्रांस ने अनुमानित 50,000 करोड़ रुपये के इस सौदे को जल्द से जल्द पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए भारत सरकार को अपनी बोली सौंप दी है।
सूत्रों के हवाले से आई खबरों में बताया गया है कि फ्रांस की तरफ से पेश किए गए स्वीकृति पत्र (एलओए) में अपने ऑफर, कीमत और अन्य विवरणों की जानकारी दी गई है। इससे पहले भारत ने अक्टूबर में आग्रह पत्र जारी करके 22 सिंगल सीटर जेट विमान और चार ट्विन-सीटर ट्रेनर विमान खरीदने की इच्छा जताई थी। इस सौदे में हथियार, सिम्युलेटर, स्पेयर्स, क्रू ट्रेनिंग और लॉजिस्टिक सपोर्ट भी शामिल है।
इससे पहले भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद ने जुलाई में 26 लड़ाकू विमानों और तीन स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के लिए करीब 30,000 करोड़ रुपये के सौदे को शुरुआती मंजूरी दी थी।
भारतीय नौसेना चाहती है कि राफेल और स्कॉर्पीन पनडुब्बी के सौदे पर इसी वित्त वर्ष के भीतर दस्तखत हो जाएं ताकि उसके दो विमानवाहक पोत और पानी के नीचे लड़ाकू बेड़े को संचालित करने के लिए पर्याप्त फाइटर जेट मिल सकें।
बता दें कि इससे पहले सितंबर 2016 में हुए 59,000 करोड़ रुपये के सौदे के तहत फ्रांस भारतीय वायुसेना को 36 राफेल विमान सौंप चुका है। अब इस नए सौदे से भारतीय सेना की ताकत में और इजाफा हो जाएगा।