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अमेरिका में कोरोना मदद के नाम पर किया 64 करोड़ का घोटाला, भारतीय पर आरोप

अदालती दस्तावेजों के अनुसार अभिषेक कृष्णन ने पीपीपी का लोन लेने के लिए कथित तौर पर फर्जी आवेदन दिए। उसने 17 लोन आवेदन दायर किए जिनमें 8.2 मिलियन डॉलर का लोन मांगा गया था। उसे 3.3 मिलियन डॉलर कर्ज के तौर पर मिल भी गए थे।

एक भारतीय नागरिक पर अमेरिका में कोविड-19 महामारी के दौरान मिलने वाली वित्तीय मदद में 8 मिलियन डॉलर (करीब 64 करोड़ रुपये) का फर्जीवाड़ा करने के आरोप लगाए गए हैं। दोषी साबित होने पर अभिषेक कृष्णन नाम के इस व्यक्ति को कम से कम 20 साल जेल की सजा हो सकती है।

40 साल के अभिषेक कृष्णन भारत लौटने से पहले अमेरिका में नॉर्थ कैरोलीना में रहते थे।

40 साल के अभिषेक कृष्णन भारत लौटने से पहले अमेरिका में नॉर्थ कैरोलीना में रहते थे। न्यूजर्सी के नेवार्क में फेडरल ग्रांड ज्यूरी के अनुसार अभिषेक ने कोरोना काल में आर्थिक सुरक्षा कानून के अंतर्गत छोटे व्यापार के लिए सहायता के तौर पर मिलने वाली लोन गारंटी पे-चेक प्रोटेक्शन प्रोग्राम में फर्जीवाड़ा किया और लाखों डॉलर की रकम हासिल कर ली।

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