संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2023 में भारत की जीडीपी दर 5.8 फीसदी रह सकती है। संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक आर्थिक स्थिति और संभावनाएं-2023 (WESP) रिपोर्ट के मुताबिक भारत की यह विकास दर चीन (4.8 प्रतिशत) और अमेरिका (0.4 प्रतिशत) से अधिक है जबकि वैश्विक विकास दर 1.9 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में विकास दर 5.8 फीसदी रहने की उम्मीद है। हालांकि यह 2022 में अनुमानित 6.4 फीसदी से थोड़ी कम है, क्योंकि ऊंची ब्याज दरों और वैश्विक मंदी के कारण निवेश और निर्यात पर दबाव पड़ा है।
रिपोर्ट में जीडीपी की इस स्थिति के लिए कोरोना महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध से उपजे हालात को जिम्मेदार ठहराया गया है, जिसके चलते खाद्य और ऊर्जा संकट खड़ा हुआ और महंगाई बढ़ी। यही नहीं 2022 में कर्ज में कमी तथा जयवायु आपातकाल के कारण भी विश्व की अर्थव्यवस्था मंदी का शिकार हुई। इन वजहों से 2023 में वैश्विक विकास दर 1.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है जबकि पहले यह दर 3.0 रहने का आकलन किया गया था। अगर ऐसा होता है तो हाल के दशकों में यह सबसे कम विकास दर होगी।