भारत का एक नागरिक बहरीन के एक पोल्ट्री फार्म में काम करता था। कोरोना महामारी के दौरान मालिक ने उसकी सैलरी रोक ली। बाद में उसका वीजा रिन्यू करवाने से भी इनकार कर दिया। तब से दर-दर भटक रहे रामासामी गोविंदन को भारतीय दूतावास और तमिलों की एक संस्था की मदद से अब देश वापस लाने में कामयाबी मिली है।
52 वर्षीय रामासामी गोविंदन मूल रूप से तमिलनाडु के कल्लाकुरिची जिले के रहने वाले हैं। वह 25 साल पहले बहरीन नौकरी के लिए गए थे। वहां पर एक पोल्ट्री फार्म में सुपरवाइजर का काम करते थे। कोरोना महामारी के समय पोल्ट्री मालिक ने गोविंदन को उनका पूरा वेतन नहीं दिया जिसका एक बड़ा हिस्सा वह अपने परिवार के लिए भारत भेजते थे। मालिक ने उनका वीजा भी रिन्यू नहीं करवाया। इसके बाद गोविंदन ने बहरीन में भारतीय दूतावास से संपर्क किया।