भारतीय-अमेरिकियों के एक समूह ने कनाडा में हिंदुओं के खिलाफ घृणित टिप्पणियों और शत्रुतापूर्ण माहौल की निंदा की है। कनाडा सरकार से कहा है कि वह अभिव्यक्ति की आजादी को आतंक की स्वतंत्रता के साथ न मिलाएं। इस मुद्दे पर चुप रहकर हिंदुओं के खिलाफ घृणा से जुड़े अपराधों का समर्थन ने करें।
#India #Canada -Need to stop India Bashing by Anti India elements -We Stand with India and hope crisis is resolved with Dialogue. pic.twitter.com/lISbbxWtun
— Indian Americans Forum (@Mohamme26964040) September 20, 2023
कनाडा में हिंदुओं को देश छोड़ने की धमकी देने वाले खालिस्तान समर्थक समूह का एक आपत्तिजनक वीडियो वायरल होने के बाद अपनी चिंता का इजहार करते हुए भारतीय-अमेरिकियों की तरफ से यह मांग उठाई गई है। इनका कहना है कि यह चिंताजनक है कि खालिस्तानी आतंकवादी कनाडा की धरती पर हिंदुओं के पवित्र स्थलों को अपवित्र कर के बार-बार हिंदू कनाडाई लोगों को धमकी दे रहे हैं।
अमेरिका के हिंदू विश्वविद्यालय में अंडरस्टैंडिंग हिंदूफोबिया के सह-संस्थापक और सह-निदेशक प्रोफेसर इंदु विश्वनाथन ने कहा कि इस तरह के निर्लज्ज हिंदूफोबिया के सामने चुप रहना या इसे राजनीतिक अभिव्यक्ति का एक स्वीकार्य रूप समझना, घृणा अपराधों के समर्थन के समान है।
उन्होंने कहा कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को आतंकवाद की आजादी के साथ नहीं जोड़ना चाहिए। फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज (FIIDS ) के खांडेराव कांड ने मीडिया को जारी बयान में कहा है कि उन्हें कट्टरपंथ और मादक पदार्थ गिरोहों को रोकना चाहिए और राजनयिक रूप से अंतरराष्ट्रीय स्थितियों को संभालना चाहिए।
यह आपत्तिजनक खालिस्तानी वीडियो ट्रूडो द्वारा 18 सितंबर को लगाए गए आरोपों के कुछ दिनों बाद सामने आया है, जिसमें उन्होंने ब्रिटिश कोलंबिया में 18 जून को कनाडाई नागरिक खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में कथिति तौर पर भारतीय एजेंटों की 'संभावित' भागीदारी का आरोप लगाया था।
अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ओरिजिन के सरकारी मामलों के अध्यक्ष डॉ. संपत शिवांगी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और अमेरिकी कांग्रेस से मामले में हस्तक्षेप करने और कनाडाई भारतीयों, हिंदुओं और हजारों भारतीय छात्रों के जीवन को खतरों से बचाने के लिए कनाडा को एक संदेश भेजने की अपील की है।
इस नफरत को अमेरिका तक फैलाने की चिंताओं पर शिकागो स्थित प्रमुख भारतीय-अमेरिकी नेता भरत बरई ने कह कि मुझे संदेह है कि हमें शांत , लेकिन सतर्क रहना चाहिए। खालिस्तानी एक बहुत छोटे गुमराह लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये लोग पाकिस्तानी खुफिया एंजेसी आईएसआई द्वारा उकसाए जाते हैं और नशीली दवाओं की तस्करी, मानव तस्करी और अन्य हिंसक आपराधिक गतिविधियों में शामिल हैं।
खालसा टुडे के मुख्य संपादक सुखी चहल ने नफरत फैलाने वाले कट्टरपंथियों को सिख धर्म से अलग करते हुए कहा कि एक सिख के रूप में मैं अपने गुरुओं की शिक्षाओं में दृढ़ता से विश्वास करता हूं, जो मानवता की एकता पर जोर देते हैं।