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Ding Dong Ditch: तीन किशोरों के हत्यारे अनुराग चंद्रा को उम्रकैद

इस हादसे में जान गंवाने वाले एक किशोर जैकब के पिता एलेक्स इवास्कू ने बीते अप्रैल में न्यू इंडिया अब्रॉड से अपना दुख साझा करते हुए कहा था- जब मैंने जूरी का फैसला सुना तो मैं टूट गया और एक बच्चे की तरह रोने लगा।

नशे और गुस्से में की गई तीन हत्याओं का दोषी अनुराग चंद्रा। Image: NIA

कैलिफोर्निया के एक भारतीय-अमेरिकी को अपने घर के बाहर डिंग डॉन्ग डिच (Ding Dong Ditch) गेम खेलने वाले तीन किशोरों की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। 14 जुलाई को जब जज वैलेरी नवारो ने हत्या के दोषी अनुराग चंद्रा को सजा सुनाई तो उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं था।

demo Photo by Eric Prouzet / Unsplash

सजा के ऐलान के बाद अनुराग को हिरासत में भेज दिया गया। उसे पैरोल मिलने की संभावना नहीं है। सजा पूरी काटनी होगी। 28 अप्रैल को एक जूरी ने चंद्रा को हत्या के तीन मामलों में दोषी पाया था। हालांकि चंद्रा के वकील ने इस दलील पर कि आरोपी की मंशा बच्चों को मारने की नहीं थी, नए ट्रायल की मांग की थी मगर जज ने उसे खारिज कर दिया।

रिवरसाइड काउंटी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी माइक हेस्ट्रिन ने कहा- एक व्यक्ति के गुस्से, संवेदनहीनता और अपमानजनक आचरण के कारण अनगिनत परिवारों का जीवन अब वैसा कभी नहीं रहेगा, जैसा पहले था। मैं इस मामले में अधिकतम सजा सुनाने के लिए न्यायाधीश नवारो का आभारी हूं।

अदालत में जमा कागजात के अनुसार 19 जनवरी 2020 को छह किशोर 'डिंग डॉन्ग डिच' खेल रहे थे। बच्चे चंद्रा के घर की घंटी बजाकर भागे। चंद्रा ने अदालत में गवाही दी कि वह इस घटना से बहुत परेशान था क्योंकि उसे लगा कि लड़के 'यौन शिकारी' हैं जो उसकी पत्नी और दो जुड़वां बेटियों (16 वर्ष) को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं। भागते समय किशोरों में से एक ने अपनी पैंट नीचे खींची और अपने नितंबों को चंद्रा को दिखाते हुए उसे चिढ़ाया। यब सब देखकर अनुराग गुस्सा गया।

आरोपी ने अदालत में माना कि उस शाम उसने 12 बीयर पीं। नशे की हालत में गुस्से से तमतमाए अनुराग ने इसके बाद अपनी कार निकाली और किशोरों का पीछा करने निकल पड़ा। किशोर टोयोटा प्रियस में थे। 99 मील प्रति घंटे की रफ़्तार से गाड़ी चलाते हुए अनुराग ने प्रियस को पीछे से टक्कर मार दी। टक्कर लगते ही प्रियस एक पेड़ से टकरा गई। अभियोजकों ने दावा किया कि चंद्रा ने जानबूझकर प्रियस पर कई बार प्रहार किए। इस बर्बरता में तीन किशोरों की मौके पर ही मौत हो गई। बाकी तीन लड़के बुरी तरह से घायल हो गए। उनकी हड्डियां टूट गई थीं।

इस हादसे में जान गंवाने वाले एक किशोर जैकब के पिता एलेक्स इवास्कू ने बीते अप्रैल में न्यू इंडिया अब्रॉड से अपना दुख साझा करते हुए कहा था- जब मैंने जूरी का फैसला सुना तो मैं टूट गया और एक बच्चे की तरह रोने लगा। इस आदमी ने मुझसे मेरे जीवन के सबसे अच्छे लोगों में से एक को छीन लिया। मेरा पहला बेटा।

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