अमेरिका की एक अदालत ने 27 वर्षीय भारतीय-अमेरिकी मयंक एम. पटेल को बच्चों के अश्लील वीडियो और तस्वीर लेकर ऑनलाइन बेचने के मामले में दोषी ठहराया है। लेक्सिंगटन, केंटकी में रहने वाले मयंक पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी बनाने और रखने का आरोप साबित हुआ है। जांच से पता चला है कि वह कम से कम 30 ऑनलाइन ग्रुप से जुड़ा था और इनमें बच्चों के अश्लील फोटो वीडियो भेजता था।
न्यू इंडिया अब्रॉड को मिले अदालती दस्तावेजों के अनुसार, 27 वर्षीय मयंक पटेल ने 7 वर्षीय लड़की को ओरल सेक्स करने पर मजबूर किया और उसकी फोटो व वीडियो बना लिए। साइबर अपराध, बाल शोषण और चाइल्ड पोर्नोग्राफी से संबंधित संघीय आपराधिक उल्लंघनों के विशेषज्ञ डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी के विशेष एजेंट जेम्स बग ने जनवरी में पटेल के खिलाफ जांच शुरू की थी। इस दौरान पता चला कि वह ‘चैट एप्लिकेशन ए’ नाम की वेबसाइट का सदस्य है।
पटेल ऐप के जरिए कम से कम 30 समूहों से जुड़ा हुआ था। इन समूहों पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी को बढ़ावा देने का आरोप है। 23 जनवरी को पटेल ने 10-12 साल के एक बच्चे का 37 सेकंड का वीडियो अपलोड किया था जिसमें उसे आपत्तिजनक स्थिति में दिखाया गया था।
अदालती दस्तावेज के मुताबिक केंटकी स्टेट पुलिस के साथ इलेक्ट्रॉनिक क्राइम ब्रांच की टीम 23 जनवरी को पटेल के घर पर धावा बोला। पटेल के फोन नंबर से नाबालिगों से जुड़े यौन अपराध के दर्जनों मामलों की जानकारी मिलने पर पुलिस उसे पकड़ने गई थी। अधिकारियों ने जब उसके आईफोन, एप्पल मेकबुक की जांच की तो उनमें आपत्तिजनक वी़डियो, फोटो और बाल यौन अपराध से जुड़ी अन्य सामग्री मिली। ये कंटेंट सात साल पुराने थे।
पटेल ने जांच टीम को बताया कि वह फोन से बच्चों के वीडियो बनाता और फोटो खींचता था, फिर उन्हें ऑनलाइन साइट्स पर बेचता था। अब मयंक पटेल को चाइल्ड पोर्नोग्राफी बनाने और रखने के दो संगीन मामलों में दोषी ठहराया गया है। उसे अधिकतम 50 साल कैद की सजा तय की गई है। इसके अलावा 500,000 डॉलर (करीब 4 करोड़ रुपये) का जुर्माना भी देना होगा और कम से कम 10 साल की पर्यवेक्षित रिहाई का सामना करना पड़ेगा।