फ्लोरिडा में रहने वाले एक भारतीय-अमेरिकी नागरिक ने 20 मिलियन डॉलर (करीब 163 करोड़ रुपये) की धोखाधड़ी मामले में अपना गुनाह कबूल कर लिया है। यह फ्रॉड उसने एक अन्य अपराध के मामले में जमानत पर बाहर रहते हुए अंजाम दिया था। खबरों के अनुसार उसे 30 साल तक की सजा हो सकती है।
38 वर्षीय निकेश अजय पटेल पर 13 मामलों में धोखाधड़ी का आरोप है। फ्लोरिडा में मध्य जिले के अटॉर्नी कार्यालय ने बताया कि निकेश पर लगे आरोपों में धोखाधड़ी की साजिश का एक, वायर फ्रॉड के तीन, धन शोधन की साजिश का एक और धनशोधन के आठ मामले शामिल हैं। साजिश और धोखाधड़ी के मामलों में उसे अधिकतम 30 साल की जेल हो सकती है। मनी लॉन्ड्रिंग के हरेक मामले में 20-20 साल की कैद भुगतनी पड़ सकती है। अटॉर्नी रोजर बी हैंडबर्ग ने बताया कि सजा की तारीख अभी तय नहीं है।
अदालती दस्तावेजों के अनुसार निकेश पटेल पर 179 मिलियन डॉलर की फ्रॉड स्कीम चलाने के आरोप में 2014 में इलिनोइस के उत्तरी जिले में यूएस अटॉर्नी कार्यालय ने आरोप लगाया था। गिरफ्तारी के बाद उसे जमानत दे दी गई थी। इसके बाद कई वर्षों तक पटेल दावा करता रहा कि वह अधिकारियों से सहयोग कर रहा है और अपने बिजनेस दिमाग का इस्तेमाल करके कर्ज की कुछ रकम चुकाने का प्रयास कर रहा है।
लेकिन पटेल ने दरअसल फर्जीवाड़े की नई योजना बना ली थी. इसके जरिए उसने 20 मिलियन डॉलर ठग लिए। उसने तीन तरह से धोखाधड़ी की। पहले फर्जी ऋण दस्तावेज तैयार किए जिनमें गलत तरीके से दर्शाया गया था कि मियामी के एक बैंक ने ग्रामीण इलाकों में होटलों को रिहाइशी इमारतों में बदलने के लिए लोन मंजूर कर लिया है।
इसके अलावा पटेल ने अमेरिका के कृषि विभाग (यूएसडीए) में अपने व्यापार और उद्योग गारंटीकृत ऋण योजना के आधार पर फर्जी ऋण गारंटी देने के लिए आवेदन कर दिया। आखिर में जब यूएसडीए फर्जी ऋण की गारंटी देने के लिए तैयार हो गया तो पटेल ने फर्जी लोन के गारंटीशुदा हिस्से को संघीय कृषि बंधक निगम को बेच दिया। इस तरह से लगभग 20 मिलियन डॉलर हासिल कर लिए।
इस रकम से कुछ बकाया रकम चुका दी और बाकी अमेरिका से भागने के लिए बचाकर रख ली। 2018 में इलिनोइस में सजा से तीन दिन पहले पटेल इक्वाडोर के लिए भाग रहा था तभी किसिम्मी हवाई अड्डे पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। यहां से वह इक्वाडोर भागने की फिराक में था। 6 मार्च 2018 को उसे 25 साल की सजा सुना दी गई।