फेडरेशन ऑफ इंडियन-अमेरिकन क्रिश्चियन ऑर्गनाइजेशंस (FIACONA) ने अमेरिकी सरकार से आग्रह किया है कि वह 'निष्क्रिय (पैसिव) हिंदू अतिवाद के खतरे को स्पष्ट रूप से समझे' और अमेरिकी नीतियों में मानवाधिकार से संबंधित मुद्दों को 'सक्रिय रूप से एकीकृत' करने के लिए समान रूप से काम करे, न कि चुनिंदा तरीके से। इस गैर-लाभकारी संस्था ने हाल में आई अपनी दूसरी वार्षिक रिपोर्ट में कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
FIACONA का दावा है कि पिछले साल भारत में ईसाइयों के खिलाफ हिंसा के 1,198 मामले हुए, जो उससे पिछले वर्ष की तुलना में 157 प्रतिशत अधिक हैं। रिपोर्ट में इस हिंसा और बढ़ते मामलों के लिए केंद्र सरकार को दोषी ठहराया गया है। आरोप लगाया गया है कि एक पार्टी विशेष की मानसिकता वाले अधिकारी भारतीय ईसाइयों पर बलपूर्वक धर्मांतरण का आरोप लगाते हैं, फिर उत्पीड़न कराते हैं। यह सब इसलिए कराया जा रहा है ताकि हिंदू राष्ट्र की परिकल्पना साकार हो सके।