अमेरिका की सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमिशन (SEC) ने भारतीय मूल के एक व्यक्ति पर झूठी अफवाहें फैलाकर लाखों डॉलर कमाने का आरोप लगाया है। कमिशन का कहना है कि विनोद पटेल नाम के भारतीय अमेरिकी ने कई सार्वजनिक कंपनियों के बारे में 100 से अधिक झूठी अफवाहें फैलाने में केंद्रीय भूमिका निभाई और इससे एक मिलियन डॉलर से अधिक की कमाई की।
जार्जिया के कमिंग में रहने वाले पटेल की इस साजिश में पांच और भी लोग शामिल थे। सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमिशन ने सभी पर ये आरोप लगाए हैं। SEC के अनुसार पटेल को सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनियों के कॉर्पोरेट विलय या अधिग्रहण जैसी कई फर्जी सूचनाएं मिलीं। पटेल ने इन्हें वित्तीय समाचार सेवाओं, चैट रूम और मैसेज बोर्डों पर अपने संपर्कों के बीच प्रसारित किया।
दिसंबर 2017 और जनवरी 2020 के बीच ऐसी 100 से अधिक अफवाहें फैलाई गईं। इनकी वजह से उन कंपनियों के शेयरों की कीमतों में अस्थायी रूप से वृद्धि हुई। इससे पटेल को ऐसी प्रतिभूतियों में अपनी होल्डिंग बेचने और अवैध व्यापार करने से लगभग 1 मिलियन डॉलर का लाभ हुआ।
पटेल ने स्टॉक ट्रेडिंग वेबकास्ट मेलनिक के जरिए भी अफवाहें फैलाईं और वेबकास्ट ग्राहकों के साथ साझा किया। इन्फोर्समेंट डिवीजन में मार्केट एब्यूज यूनिट के प्रमुख जोसेफ जी संसोन ने बताया कि जिन पांच व्यक्तियों को हमने आरोपित किया है, उनमें पटेल ने इंटरनेट के माध्यम से बार-बार झूठी अफवाहें फैलाने में केंद्रीय भूमिका निभाईं और अवैध तौर पर 1 मिलियन डॉलर से अधिक लाभ कमाया।
पटेल के खिलाफ प्रतिभूति अधिनियम 1933 की धारा 17 (ए) और 1934 के प्रतिभूति विनिमय अधिनियम की धारा 10 (बी) और नियम 10बी-5 के तहत आरोप लगाए गए हैं। SEC इससे पहले इस साजिश में भूमिकाओं के लिए बार्टन रॉस, मार्क मेलनिक, एंथोनी सालेंड्रा और चार्ल्स पर्रिनो को आरोपित कर चुका है।