चीन से सटे चांग चेनमो सेक्टर में भारत पर्यटन की शुरुआत करने जा रहा है। पूर्वी लद्दाख में पैंगोग झील के उत्तर में पेट्रोलिंग पाइंट के नजदीक इस सेक्टर में अभी तक आम लोगों का आना वर्जित था लेकिन अब 4x4s और बाइकिंग राइड के शौकीन पर्यटक यहां पहुंच सकेंगे। भारत का चीन के साथ सीमा गतिरोध को लेकर गलवान घाटी में हुई झड़प को तीन साल से अधिक वक्त हो चुका है।
मिली जानकारी के अनुसार पहले चरण में पर्यटकों 18,314 फीट की ऊंचाई पर बने मर्सिमिक ला (पास) से त्सोगत्सालो तक जाने की अनुमति दी जाएगी जो रिमडी चू और चांग चेनमो नदियों के संगम के पास एक चरागाह है। यह जगह लेह से लगभग 160 किलोमीटर पूर्व में है और पैंगोंग के उत्तर में चीन के साथ लगी एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) के नजदीक है।
दूसरे चरण में पर्यटकों को हॉट स्प्रिंग्स तक यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी। यह त्सोगत्सालु से आगे है। यहां 21 अक्टूबर 1959 के दिन मारे गए 10 सीआरपीएफ जवानों के सम्मान में बनाया गया स्मारक है। इन जवानों के गश्ती दल पर चीनियों ने हमला किया था। बता दें कि भारतीय सेना के मुख्यालय ने स्थानीय समाचारपत्र को बताया कि भारतीय सेना ने भी हॉट स्प्रिंग और त्सोग्त्सलो जैसे अन्य स्थानों के अलावा मार्सिमिक ला सहित कई ट्रेक और मार्गों को खोलने पर सहमति व्यक्त की है।
दरअसल लद्दाख प्रशासन सीमा क्षेत्र के विकास के लिए इन जगहों को पर्यटकों के लिए खोलना चाहता है। यह स्थानीय लोगों की भी लंबे समय से लंबित मांग रही है। वे पारंपरिक रूप से इन जमीनों पर अपने झुंड के साथ घूमते थे।
स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि प्रशासन जनवरी में शौचालय, सेल्फी प्वाइंट और चिकित्सा केंद्र की योजना तैयार कर चुका है। पुलिस चेक पोस्ट भी स्थापित की जाएगी। बता दें कि भारतीयों के लिए इनर लाइन परमिट को 2021 में ही खत्म कर दिया गया था। हालांकि एलएसी के विवादित हिस्सों के करीब के क्षेत्र आगंतुकों के लिए सीमा से बाहर ही रहे।
#China #India #Indiachinaborder #Ladakh #Lehladakh #Travel #Tourism #Travellife #Traveltips #Traveling #Chineseborder #Indianborder #LAC