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BRICS के विस्तार का भारत ने किया समर्थन, रखी ये शर्त

चीन द्वारा लाए गए इस प्रपोजल का अभी तक भारत और ब्राजील विरोध कर रहे थे। जानकारों का कहना था कि राजनीतिक दबदबे को बढ़ाने और अमेरिका का मुकाबला करने के लिए चीन BRICS का विस्तार करना चाहता है।

जोहान्सबर्ग में चल रही 15वीं BRICS समिट में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समूह के विस्तार का समर्थन किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत BRICS की सदस्यता में विस्तार का पूरा समर्थन करता है और इस पर सर्वसम्मति से आगे बढ़ने का स्वागत करता है।

इसके साथ ही चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग समेत BRICS (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) के नेताओं के वार्षिक शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने यह भी उम्मीद जताई कि अफ्रीकी संघ को G20 का स्थायी सदस्य बनाने के भारत के प्रस्ताव को BRICS के सदस्य राष्ट्रों का समर्थन मिलेगा।

हालांकि आपको बता दें कि चीन द्वारा लाए गए इस प्रपोजल का अभी तक भारत और ब्राजील विरोध कर रहे थे। जानकारों का कहना था कि राजनीतिक दबदबे को बढ़ाने और अमेरिका का मुकाबला करने के लिए चीन BRICS का विस्तार करना चाहता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में अपने संबोधन के दौरान कहा कि BRICS को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए हमें अपने समाज को भविष्य के लिए तैयार करना होगा। उन्होंने कहा कि BRICS ने पिछले दो दशकों में एक लंबी और अद्भुत यात्रा शुरू की है।

मोदी ने अपने संबोधन में बताया कि कैसे BRICS साउथ ग्लोबल में विकासात्मक गतिविधियों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। मोदी ने BRICS की दक्षिण अफ्रीकी अध्यक्षता के तहत ग्लोबल साउथ के देशों को विशेष महत्व देने के कदम का स्वागत करते हुए कहा कि भारत ने भी अपने G20 की अध्यक्षता के तहत ग्लोबल साउथ के देशों को भी सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।

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